हेल्थ डेस्क: कभी आपने ऐसे हॉस्पिटल के बारें में सुना है जहां पर आपकी रिपोर्ट्स न देखकर आपकी कुंडली देखी जाती है। जिसके बाद आपका इलाज किया जाए। आप यहीं सोच रहे होगे कि यहां क्या अंधविश्वास है। आज के समय में पढ़े-लिखे लोग इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करेंगे। आपके दिमाग में यही आएगा कि कैसे कुंडली देखकर किसी का इलाज किया जाता है। लेकिन हम आपको एक ऐसे हॉस्पिटल के बारें में बता रहे है। जहां पर वास्तव में ऐसा किया जाता है। जी हां जयपुर स्थित 'यूनिक संगीता मैमोरियल हॉस्पिटल' में मरीज की बीमारी का पता लगाने के लिए ज्योतिष का सहारा लिया जाता है। इस बात को लेकर सोशल मीडिया में काफी विरोध भी हो रहा है।
कुंडली देखकर बीमारी का इलाज
इस हॉस्पिटल को शुरु करने वाले पंडिल अखिलेश शर्मा है। जिनके कारण किसी को एडमिट करने से पहले उसकी कुंडली देखी जाती है। इस अस्पताल को शुरू करने वाले पं. अखिलेश शर्मा हैं। अस्पताल में इलाज के लिए मरीज को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन के दौरान ही अपनी कुंडली लेकर जाना पड़ता है।
अगर कुंडली न हो तो
अगर किसी व्यक्ति के पास उसकी कुंडली मौजूद नहीं है, तो कुछ जरूरी जानकारियां जैसे- मरीज की जन्म तिथि, जन्म स्थान, जन्म का समय आदि पूछकर अस्पताल में ही तुरंत उसकी कुंडली बना दी जाती है। मरीज का नंबर आने पर डॉक्टर के सामने उसकी कुंडली पेश की जाती है, जिसके आधार पर डॉक्टर मरीज को उसके रोग, खतरे और इलाज के बारे में बताते हैं।
इस तरह किया जाता है इलाज
हॉस्पिटल में नॉर्मल इलाज वैदिक रीति रिवाजों के साथ किया जा है। यानी अगर आप चाहे तो वेदों में दिए हुए मंत्रों के माध्यम में रोगी का इलाज करा सकते है। इसके अलावा हॉस्पिटल में आर्युवेदिक, यूनानी और एलोपैथी के द्वारा भी ट्रिटमेंट किया जाता है।
कुछ ऐसा मिल रहा है रिस्पॉंस
अस्पताल के सचिव पंडित अखिलेश शर्मा रोजाना करीब 25-30 मरीजों की कुंडली देखते हैं, जिससे वे उनकी बीमारी के बारे में सटीक पता लगाते हैं और फिर उस दिशा में इलाज शुरू किया जाता है। पंडित शर्मा के मुताबिक, 'मैं रोजाना 25-30 कुंडली देखता हूं। हम केवल बीमारी का पता लगाने के लिए ज्योतिष का सहारा लेते हैं। इलाज के लिए हम मेडिकल साइंस का रुख करते हैं। हम ऐसा इसलिए करते हैं ताकि बीमारी के बारे में सही-सही जानकारी जुटाई जा सके और इसमें समय जाया न हो।'
वहीं, अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि मरीजों को उपचार उन्नत प्रौद्योगिकी के आधार पर दिया जाता है और ज्योतिष को भी इलाज प्रक्रिया में शामिल किए जाने के कारण मरीज संतुष्ट होते हैं। उन्होंने कहा, 'जब कोई मरीज यहां आता है तो उसका ज्योतिष मूल्यांकन किया जाता है और इसी आधार पर उसकी बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है। इसके बाद मेडिकल और ज्योतिषीय उपचारों की तुलना की जाती है। उपचार उन्नत प्रौद्योगिकी के जरिये किया जाता है, लेकिन बीमारी का पता लगाने के लिए हम ज्योतिष का सहारा लेते हैं। इस तरह से मरीज भी संतुष्ट होते हैं।'
इस खबर को सुनते ही लोगों को आक्रोश सामने आ रहा है। हर किसी काै कहना है कि इस जमाने में यह कैसा संभव है। इन लोगों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए।
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