तुलसी में कई औषधीय गुण पाए जाते है। यह बहुत सी बीमारियों के उपचार में भी काम आती है। दिल की बीमारी, सर्दी, जुकाम में तुलसी का इस्तेमाल करने से काफी आराम मिलता है। तुसली का पौधा घर में लगाना शुभ माना जाता है। इस पौधे का भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म से गहरा नाता तो है ही साथ ही में यह व्यक्ति की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
रोज सुबह तुलसी का पत्ता खाने की आदत डालें तो आपको सेहतमंद रहने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ सर्दी, खांसी जैसी समस्याएं दूर होंगी बल्कि पाचन भी सही रहेगा।
तुलसी में ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। सुबह खाली पेट तुलसी का एक पत्ता खाएं, इससे कुछ ही दिनों में आपको सर्दी-खांसी से राहत मिल जाएगी।
तुलसी के पत्ते पाचन को सही रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ऐसिडिटी और पेट में जलन की परेशानी को भी यह दूर रखता है। बॉडी के पीएच लेवल को मेनटेन करने में भी तुलसी मददगार साबित होती है।
स्टडीज की मानें तो तुलसी के पत्ते में मौजूद अडैप्टोजेन स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करते हुए ब्लड फ्लो को सुधारता है। तुलसी के पत्तों से सिरदर्द में भी राहत मिलती है। स्ट्रेस व सिरदर्द की परेशानी से निपटने के लिए रोज सुबह खाली पेट 2-3 तुलसी की पत्तियों का सेवन करें।
सांस की समस्यासांस संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।
गुर्दे की पथरी
तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।
दिल की बीमारी
तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।
तनाव
तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।
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