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कोरोना वायरस को लेकर फैले हैं ये भ्रम, यहां जाने सच्चाई और रहें सुरक्षित

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में फैले कुछ मिथक और भ्रम शेयर किए हैं औऱ उनकी सच्चाई भी बताई है। इन्हें जानकर आप काफी हद तक कोरोनावायरस से बच सकते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 16, 2020 11:43 IST
Coronavirus myths- India TV Hindi
Coronavirus myths

दुनिया भर में फैल चुका कोरोनावायरस अब भारत में दस्तक दे चुका है। कई शहरों में इसके मरीजों की पुष्टि हो रही है। इसके साथ ही जनता में डर बैठ रहा है औऱ कोरोन वायरस को लेकर तरह तरह के भ्रम फैल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना से बचने के तरह-तरह के नुस्खे सामने आ चुके हैं। हालांकि, इनसे कोरोना का इलाज संभव नहीं है, लेकिन जनता भ्रमित न हो इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)  ने ऐसे ही भ्रम और उनकी सच्चाई बताई है। आप इन भ्रमों को इनकी सच्चाई को जानकर इस वायरस से बच सकते हैं। इसलिए अफवाहों और मिथकों पर ध्यान न दें औऱ सावधानी बरतें।

आइए जानते हैं ऐसी अफवाहों औऱ भ्रमों के बारे में जिनकी सच्चाई आपको पता होनी चाहिए।

हैंड ड्रायर से मरेंगे कोरोना वायरस

ऐसा नहीं है हैंड ड्रायर से किसी भी तरह का प्रभाव कोरोना वायरस पर नहीं पड़ता है। लेकिन लगातार इसे चलाने से आप बीमार नहीं पड़ेंगे, ऐसी गारंटी नहीं है। इसलिए हैंड ड्रायर को छोड़िए और हाथों को अच्छी तरह साफ कीजिए। इसके साथ ही टिशू या फिर हैंड ड्रायर से अपने हाथों को सुखाइए। 

यूवी लैंप 
लोगों के बीच अफवाह फैल रही हैं कि पराबैंगनी कीटाणुशोधन लैंप (Ultraviolet disinfection lamp) से कोरोना वायरस कीटाणु मर जाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यूवी लैंप का यूज  हाथों या अन्य जगहों पर नहीं करना चाहिए। इससे आपको स्किन में जलन हो सकती है।

नए कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाने में थर्मल स्कैनर कितने प्रभावी हैं?
थर्मल स्कैनर उन लोगों का पता लगाने में समर्थ होते हैं जिनकी बॉडी का तापमान नॉर्मल इंसान से ज्यादा होता है क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित रहते हैं।  हालांकि, वे उन लोगों का पता नहीं लगा सकते जो संक्रमित हैं लेकिन अभी तक बुखार नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि संक्रमित लोगों के बीमार होने के बाद बुखार होने में करीब 2 से 10 दिन लगते हैं।

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एल्कोहल और क्लोरीन से बॉडी में स्प्रे करना
कई लोगों को लगता है कि बॉडी में एल्कोहल और क्लोरीन से स्प्रे करने से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा।  यह बात बिल्कुल भी सही नहीं है। यह स्प्रे आपके शरीर के बाहर के वायरस को मार देगा लेकिन शरीर के अंदर के वायरस को दवा से ही मारा जा सकेगा। 

कोई पार्सल लेना सुरक्षित है कि नहीं
हां बिल्कुल, अगर कहीं से कोई पार्सल आया है तो आप इसे ले सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस वस्तुओं पर ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह सकता है। बस ध्यान रहें कि बीमार व्यक्ति के हाथ से पार्सल लेने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धो लें और पार्सल के रैप को नष्ट कर दें।

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पालतू जानवर फैला सकते हैं कोरोना वायरस
इस समय की बात करें तो अभी तक ऐसे कोई भी साक्ष्य नहीं मिले है कि कुत्ता या बिल्ली के द्वारा कोरोना वायरस फैल रहा है। इससे अच्छा है कि जब भी आप पालतू जानवरों के संपर्क में आए उसके बाद अपने हाथों को अच्छे से जरूर धोएं। ऐसा करने से जानवरों में होने वाले अन्य वायरस से भी आप बच सकते है। 

निमोनिया की वैक्सीन नए कोरोना वायरस से दिलाएगी निजात
नहीं,  निमोनिया के खिलाफ टीके जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन नए कोरोना वायरस के से बचाव में मदद नहीं कर सकते। यह वायरस बहुत ही नया और भिन्न है औऱ इसके उन्मूलन के लिए नई वैक्सीन खोजी जा रही है। शोधकर्ता नई वैक्सीन बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। 

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लहसुन खाने से दूर होना कोरोना
लहसुन एक हेल्दी फूड है जिसमें कुछ एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। लेकिन इसके द्वारा कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता है।

तिल के तेल से कोरोना वायरस रहेगा दूर
नहीं, तिल का तेल कोरोना वायरस को नहीं मार सकता है।  कुछ रासायनिक कीटाणुनाशक हैं जो सतहों पर 2019-nCoV को मार सकते हैं। इनमें ब्लीच/ क्लोरीन-आधारित कीटाणुनाशक या तो सॉल्वैंट्स, 75% इथेनॉल, पेरासिटिक एसिड और क्लोरोफॉर्म शामिल हैं। हालांकि, यदि आप इसे स्किन या अपनी नाक के नीचे रखते हैं, तो वायरस पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ेगा लेकिन आपकी स्किन के लिए खतरनाक हो सकता है। 

एंटीबॉयोटिक से कोरोना का रोकथाम
नहीं, एंटीबॉयोटिक बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है लेकिन यह कोरोना वायरस पर बिल्कुल असर नहीं करेगा। 

सिर्फ बच्चों और बूढ़ों को घेरता है कोरोना वायरस
कई लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस सिर्फ बच्चों को और बुजुर्ग लोगों को होता है। लेकिन डब्लूएचओ के अनुसार कोरोना किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसलिए हर उम्र के लोगों को कोरोना वायरस से सतर्क रहना चाहिए। 

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