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टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ये तत्व दिलाएंगा मलेरिया से निजात, जानिए कैसे

रोबोट वैज्ञानिक ईव की अगुआई में हुए शोध के मुताबिक, टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ट्राइक्लोजन नामक तत्व मलेरिया परजीवी विशेषकर डीएचएफआर नामक एक एंजाइम पर हमला कर उसकी वृद्धि को रोकता है।

Reported by: IANS
Published on: January 22, 2018 16:51 IST
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हेल्थ डेस्क:  लंदन में हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट में एक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो मलेरिया के कीटाणुओं से लड़ने में सक्षम है। रोबोट वैज्ञानिक ईव की अगुआई में हुए शोध के मुताबिक, टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ट्राइक्लोजन नामक तत्व मलेरिया परजीवी विशेषकर डीएचएफआर नामक एक एंजाइम पर हमला कर उसकी वृद्धि को रोकता है।

मलेरियारोधी दवाई पिरिमेथामाइन मुख्यत: डीएचईआर पर हमला करती है। अफ्रीका में इस दवाई का मलेरिया परजीवियों पर सामान्य असर पड़ता है।

शोधकर्ताओं ने साबित किया कि ट्राइक्लोजन मलेरिया के उन परजीवियों पर भी कारगर साबित हुआ जो पिरिमेथामाइन से लड़ने में सक्षम थे।

ब्राजील स्थित विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और मुख लेखक एलिजाबेथ बिल्सलैंड ने साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक एक अखबार से कहा कि रोबोट वैज्ञानिक ईव की खोज कि ट्राइक्लोजन मलेरिया से लड़ने में सक्षम है, के बाद हमें यह उम्मीद जागी है कि इसे विकसित कर एक नई दवाई बनाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि यह एक सुरक्षित यौगिक है और मलेरिया परजीवियों के जीवनचक्र के दो बिंदुओं पर हमला करने की इसकी क्षमता से पता चलता है कि मलेरिया परजीवी के लिए इसका प्रतिरोध करना मुश्किल हो जाएगा।

टूथपेस्ट में ट्राइक्लोजन होने पर यह यकृत में वसा अम्ल को बनाने में सहायक इनोयल रिडक्टेज (ईएनआर) नामक एक एंजाइम को निष्क्रिय कर प्लेग के जीवाणु को बनने से रोकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसा कि ट्राइक्लोजन ईएनआर और डीएचईआर को सीधे प्रभावित करता है। इसलिए इसका यकृत और रक्त पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है।

अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेरिया के कारण प्रतिवर्ष 5 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।

इस बीमारी से लड़ने के लिए जहां कई प्रकार की दवाइयां मौजूद हैं, तो मलेरिया परजीवियों में भी इन दवाइयों से लड़ने की क्षमता तेजी से बढ़ने लगी है। इससे भविष्य में मलेरिया के लाइलाज होने की आशंका बढ़ गई है।

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