प्रत्येक मरीज में किडनी खराब होने के लक्षण और उसकी गंभीरता अलग अलग होती है। रोग की इस अवस्था में पाये जाने वाले लक्षण इस प्रकार हैं :
खाने में अरुचि होना, उल्टी, उबकाई आना।
कमजोरी महसूस होना, वजन कम हो जाना।
पैरों के निचले हिस्से में सूजन आना
प्रायः सुबह के समय आंखों के चारों तरफ और चेहरे पर सूजन आना
थोड़ा काम करने पर थकावट महसूस होना, साँस फूलना ।
खून में फीकापन रक्तअल्पता (एनीमिया ) होना। किडनी में बनने वाला एरिथ्रोपोएटिन नामक हार्मोन में कमी होने से शरीर में खून कम बनता है।
शरीर में खुजली होना ।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना ।
विशेष रूप से रात के समय बार-बार पेशाब जाना (nocturia) ।
याद्दाश्त में कमी होना, नींद में नियमित क्रम में परिवर्तन होना ।
दवा लेने के बाद भी उच्च रक्तचाप का नियत्रण में नहीं आना ।
स्त्रियों में मासिक में अनियमितता और पुरुषों में नपुंसकता का होना ।
किडनी में बनने वाला सक्रिय विटामिन 'डी' का कम बनना, जिससे बच्चो की ऊंचाई कम बढ़ती है और वयस्कों में हड्डियों में दर्द रहता है।
भोजन में अरुचि, कमजोरी और जी मिचलाना क्रोनिक किडनी डिजीज के अधिकांश मरीजों के मुख्य लक्षण है।