हेल्थ डेस्क: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है जिससे यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति की नींद पूरी हुई है या नहीं। इस जांच से सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिलेगी।
पूर्व के शोधों में यह पाया गया है कि जो वाहन चालक प्रतिदिन नींद लेने की अनुशंसित सीमा से कम यानि सिर्फ एक या दो घंटे की नींद लेते हैं उनके कार हादसों में शामिल होने का खतरा दोगुना हो जाता है। (रोजाना 5 ग्राम से ज्यादा नमक खाना स्वास्थ्य के लिए हो सकता है खतरनाक )
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सर्रे के डर्क जेनदिज्क के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के लिए 36 प्रतिभागियों ने एक रात की नींद नहीं ली। (डाइट में शामिल करें ये 5 चीजें, ब्रेस्ट कैंसर से रहेंगे कोसों दूर )
इस दौरान खून के नमूने लिए गए और हजारों जीन के व्यावहारिक स्तर में हुए बदलावों को मापा गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से आगे की जांचों के रास्ते भी साफ होते हैं जिससे यह पता लगा पाने में कामयाबी मिलेगी कि किसी चालक की नींद पूरी हुयी है या नहीं।
यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ व्याख्याता एम्मा लायंग ने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से खासकर लंबे अरसे तक नींद पूरी नहीं होने से हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा पैदा होता है।”
हालांकि, अभी स्वतंत्र रूप से यह आकलन नहीं हो पाता है कि किसी व्यक्ति ने कितनी नींद ली है और इससे पुलिस को यह जानने में काफी मुश्किल आती है कि कोई व्यक्ति गाड़ी चलाने के लिए फिट है या नहीं या नियोक्ता को यह मालूम करने में कि कोई व्यक्ति काम करने की स्थिति में है या नहीं।
इस तरह के बायोमार्कर की पहचान हो जाने से अब आगे और जांच विकसित करने में मदद मिलेगी।
(इनपुट भाषा)