राज कमल अपना विरोध जताने के लिए सेनेचरी नैपकीन और टमपोंस में लाल रंग की इंक का इस्तेमाल कर रहे है। उन्होंने इस तरह से इसे आर्ट किया है कि आप देखते ही रह जाएंगे। राज ने अपनी इस आर्ट के बारें में एक न्यूज एजेंसी को बताया कि सेनेटरी नैपकीन पर ही टैक्स क्यों और कॉडोम, सिंदूर या बिंदी पर क्यों नहीं। ये मेरी समझ के परे है।
सरकार को अगर अपने देश की महिलाओं की ज़रा सी भी चिंता है तो सेनेटरी नैपकीन पर टैक्स नहीं लगाना चाहिए. शहरी क्षेत्र की महिलायें तो पैड के एक पैकेट के लिए 100-160 रुपये तक खर्च कर सकती हैं, पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का क्या?'
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