हेल्थ डेस्क: ब्रश करते वक्त कई बार ऐसा होता है कि मसूड़ो से खून आ जाता है। कई बार तो इस बात को हम इसलिए इग्नोर कर देते हैं कि हो सकता है ब्रश करते वक्त कुछ गलती हो गई हो लेकिन अगर अक्सर ब्रश करते वक्त ऐसा होता है तो आपको अपने दांतो की खास ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि यह छोटी सी प्रॉब्लम आगे जाकर बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है।
क्या ब्रश करते वक्त आपके मसूड़ों से भी खून आता है? अगर हां तो इसे हल्के में न लें। बहुत सारे लोग इसे सामान्य समझकर इस पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन आप शायद इस बात से अंजान है कि इसको नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है। इसलिए अगर आप भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं तो समय रहते इसका इलाज शुरू कर दें और अगर यह परेशानी अभी शुरुआती दौर में ही है तो आप इन घरेलू उपायों का सहारा लेकर भी इससे राहत पा सकते हैं।
लौंग का तेल
अगर किसी सख्त चीज को खाते समय या फिर ब्रश करते वक्त अगर आपके मसूड़ो से खून आता है तो इसके लिए लौंग का तेल बहुत फायदेमंद रहेगा। इसके लिए आपको रूई को तेल में डुबोकर मसूड़ो और दांतों में लगाना होगा। लगाने के कुछ देर बाद हल्के गुनगुने पानी से मुंह साफ कर लें। अगर आपको तेल लगाने में दिक्कत आ रही है तो दिन में दो बार आप लौंग भी चबा सकते हैं।
विटामिन सी
कोशिश करें अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी को शामिल करें। यह इंफेक्शन को बढ़ने से रोकता है। अपने दांतों को मजबूत और मसूड़ों को स्वस्थ बनाने के लिए कच्ची सब्जियां और खट्टे फलों का सेवन करें।(गठिया सहित इन बीमारियों के लिए रामबाण है पपीते की चाय, जानिए बनाने की विधि)
सरसों का तेल
रात को सोते समय एक चम्मच सरसों के तेल में चुटकी भर नमक मिलाकर दांतों और मसूड़ों की मसाज करें। ऐसा करने से कुछ दिनों में आपके मसूड़ों से खून आना बंद हो जाएगा। (भूलकर भी ये लोग न करें कटहल का सेवन, हो सकता है खतरनाक)
फिटकरी
अगर आपके दांतों में दर्द होता है या ब्रश करते वक्त खून आने की शिकायत है तो इसके लिए फिटकरी वाले पानी के कुल्ले करना आपके लिए फायदेमंद होगा। एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर फिटकरी में खून रोकने की क्षमता होती है। इसके साथ ही यह संक्रमण के खतरे को कम करता है।(आखिर क्या है नाड़ी विज्ञान?, साथ ही जानें नाड़ी कैसे खोलती है आपके सेहत हा राज़)
नमक
दिन में एक बार नमक के पानी से कुल्ला करना अच्चा रहेगा। ऐसा करने से आपको दर्द में तो आराम मिलेगा ही साथ ही इंफेक्शन का खतरा भी कम रहता है।