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सावधान! तेजी से फैल रहा है वायरल हेपेटाइटिस, ऐसे करें बचाव

आज के समय में अनियमित खानपान और खराब दिनचर्या के कारण पेट संबंधी बीमारियां आसानी से आपको अपने चपेट में ले लेती है। इसी का एक रुप है वायरल हेपेटाइटिस। अब ये तेजी से भारत में भी फैल रहा है। ऐसे करें खुद का बचाव।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 27, 2017 14:26 IST
 Hepatitis - India TV Hindi
Hepatitis

हेल्थ डेस्क: पहले के जमाने में लोगो को इस तरह की बीमारियां नहीं होती थी और खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले लोगो को और जिनको होती थी उसका कारण था स्वच्छता की कमी क्योंकि पेट से जुडी होने वाली सारी बीमारियों की जड़ हमारे खानपान से और लाइफस्टाइल से सीधे सीधे जुडी है। (सिर्फ 2 हफ्ते में पाना है जांघो की चर्बी से निजात, तो रोजना करें ये आसन)

आज के समय में अनियमित खानपान और खराब दिनचर्या के कारण पेट संबंधी बीमारियां आसानी से आपको अपने चपेट में ले लेती है। इसी का एक रुप है वायरल हेपेटाइटिस। अब ये तेजी से भारत में भी फैल रहा है। (भूलकर भी पीरियड्स के दौरान न करें ये 6 काम, हो सकता है जानलेवा)

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि देश में वायरल हेपेटाइटिस बी एक गंभीर समस्या है। लगभग 40 करोड़ लोग दुनिया भर में हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित हैं। आईएमए के अनुसार, भारत में चार करोड़ लोग लंबे समय से हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित भारतीयों की संख्या छह से 12 लाख के बीच हो सकती है। यकृत विफलता के सबसे अधिक गंभीर मामलों में हेपेटाइटिस ई वायरस (हेवीवी) को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हेपेटाइटिस सी वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों को इलाज से ठीक किया जा सकता है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "हेपेटाइटिस ए वायरस, हेपेटाइटिस बी वायरस के बाद तीव्र वायरल हेपेटाइटिस का सबसे सामान्य कारण है। कुछ गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि टैटू बनवाना या जाने अनजाने में संक्रमित इंजेक्शन लगवाना या फिर कई सेक्स पार्टनर होने के कारण भी हेपेटाइटिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "यकृत एक महत्वपूर्ण अंग है, जो प्रोटीन पोषक तत्वों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। जब यकृत में सूजन आ जाती है या यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसका कार्य प्रभावित हो सकता है। हेपेटाइटिस बी को फोमाइट्स द्वारा भी प्रेषित किया जा सकता है जैसे कि रक्त प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाले फिंगर स्टिक उपकरणों से ग्लूकोज मापन, मल्टी डोज औषधि की शीशियों, जेट गन इंजेक्टर और एंडोस्कोप।"

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