हेल्थ डेस्क: जिस प्रकार हिंदू धर्म में सूर्य नमस्कार को योग का एक हिस्सा माना जाता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम धर्म में भी नमाज़ भी अपने आप में योग माना जाता है। नमाज के दौरान की गई कई शारीरिक क्रियाएं योग की तरह ही होती हैं। आइए जानते है नमाज पढ़ने के अलग-अलग तरीके और उससे होने वाले फायदों के बारे में।
1.नियत
नमाज़ की शुरुआत में नमाज़ी अपने दोनों हाथों को ऊंचा करके पैरों को एक साथ सटाकर खड़ा होता है और नियत बांधता है जिसमें नमाज़ के वक़्त और कितनी लंबी बंदगी होगी, इसकी घोषणा करता है। इसके बाद अपने दोनों हाथों को छाती पर एक दूसरे के उपर रखता है। इस क्रिया के करने से उसके हार्ट, लंग्स और परिसंचरण तंत्र कंट्रोल में रहते हैं। दोनों हाथों को छाती के बीचोंबीच रखने से हृदय चक्र प्रभावित होता है और इंसान के अंदर प्यार और करूणा जैसे भाव आते हैं।