होली खेलने के बाद इन रंगों को छुड़ाने में कोई परेशानी भी नहीं आती हैं। एक बार साबुन या शैंपु से ही कलर साफ हाे जाता हैं। एक शाेध में भी यह बात कही गई हैं कि प्राकृतिक रंग से त्वचा मुलायम हो जाती है। इन रंगों के जरिए विभिन्न फूलों व वनस्पतियों का तेल भी त्वचा को मिलता है, जो कि त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है। जबकि रासायनिक रंग से भीगना कभी-कभी इतना महंगा पड़ जाता है कि जिंदगीभर पछताना पड़ता है।
घर पर भी तैयार कर सकते हैं हर्बल रंग
ब्लूबेरी के रस से नीला रंग तैयार किया जा सकता है। सूखे लाल चंदन को लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लाल रंग का यह पाउडर त्वचा के लिए लाभकारी है। सिन्दूरियां के बीजों को पीस कर गाढ़ा लाल रंग बनाया जा सकता है। नारंगी रंग बनाने के लिए रात भर मेहंदी की पत्तियों को पानी में भिगों दें, सुबह होली खेलें गहरा गुलाबी रंग बनाने के लिए चुकंदर को पानी में उबाल लें, रंग तैयार हो जाएगा। लाल रंग के फूलों को रात भर पानी में भिगों दे तो पानी का रंग हल्का पीला हो जाएगा।