हेल्थ डेस्क: 2 मार्च को पूरा देश होली कें रंग में डूबा रहेगा लेकिन इस खास दिन को और खास बना सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कैसे ? इसके लिए आपको सबसे पहले आपको कुछ ऐसे चीजों का ख्याल रखना पड़ेगा जो गलती अक्सर लोग कर देते हैं। क्योंकि होली के दिन में जोश-जोश में लोग होश गवां देते हैं और इसकी गलती आपको होली के बाद भुकतना पड़ता है। इस होली को कुछ इस अंदाज में खास बनाइए।
चारों तरफ मार्केट में रंगो से बजार सज गए हैं। जहां एक तरफ फूलों से बनाए गए नेचुरल रंगों की मांग बढ़ी है तो वहीं शुद्धता के नाम पर केमिकल युक्त रंग बाजार में बेच रहे हैं जो चेहरे और आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन मिलावटी रंगों से चर्मरोग तक की समस्या हो सकती है। ऐसे में एक्सपर्ट की माने तो बाजारों में उपलब्ध रंगों के कम इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
स्किन स्पेशलिस्ट का कहना है कि मिलावटी रंगों के कारण लोगों के शरीर पर इंफेक्शन हो जाता है। जो छह माह या साल तक परेशान करता है। इन इंफेक्शन से बचने के लिए होली खेलने से पहले पूरे शरीर में कड़वा तेल या कोई चिकनाई युक्त लोशन या क्रीम लगाएं, ताकि चिकनाई होने के कारण शरीर में रंग असर नहीं करेगा। यदि इसके बाद भी कोई रंग लगने पर खुजली या कोई तकलीफ होती है तो रंग को साफ पानी से धो लें और क्रीम लगाएं। उसके बाद भी तकलीफ रहती है तो किसी स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह लें।
प्राकृतिक या हर्बल रंग चुनिंदा दुकानों पर ही उपलब्ध हैं। हर्बल रंग महंगे तो हैं लेकिन इनके फायदे भी बहुत हैं। इन प्राकृतिक रंगों से त्वचा मुलायम बनी रहेगी और सौन्दर्य में भी निखार आता है। प्राकृतिक रंगों में चंदन, गेंदा, टेसू, गुलाब व अन्य तमाम फूलों की खुशबू भी आएगी। इन फूलों से ही हर्बल रंग तैयार किए जाते हैं। फूलों से बने रंग जिस पर पड़ेगा वह निहाल हो जाएगा। उसको सुखद खुशबू को एहसास होगा।
पूरा बाजार रंगों से सज रहा हैं। सभी दुकानों पर केमिकल रंगों की ही भरमार है, जबकि प्राकृतिक या हर्बल रंग चुनिंदा दुकानों पर ही उपलब्ध हाेते हैं। हर्बल रंग महंगे जरूर होते हैं, लेकिन इनसे शरीर को कोई नुकसान नही होता हैं। इन रंगों से त्वचा मुलायम रहती हैं। प्राकृतिक रंगों में चंदन, गेंदा, टेसू, गुलाब व अन्य तमाम फूलों की खुशबू भी आती हैं। हर्बल रंगों का फूलों से तैयार किया जाता हैं। इन रंगाे में भीगने से शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता हैं।