हेल्थ डेस्क: शोधकर्ताओं ने एक ऐसा मोबाइल एप विकसित किया है जो हृदयाघात के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार आलिंद फिब्रिलेशन की पहचान कर सकेगा। हृदय गति का असमान या बहुत तेज गति से धड़कने की क्रिया को आलिंद फिब्रिलेशन कहते हैं जिससे हृदयाघात, हृदय का काम बंद करना और हृदय संबंधित अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
हृदयाघात को रोकने के लिए समय पर इसकी पहचान होना बहुत जरूरी है। फिनलैंड में टुर्कू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जुहानी ऐराक्सिनेन ने कहा, "पहली बार सामान्य उपकरण ऐसे नतीजे पर पहुंच पाया है जिससे वह मरीज की चिकित्सा में सहायता प्रदान कर सके।" रुक-रुक कर आलिंद फिब्रिलेशन होने के कारण वर्षो से डॉक्टरों को भी इसका पता नहीं चलता था जिस कारण यह खोज और भी महत्वपूर्ण है।
शोध के दौरान 300 मरीजों को शामिल किया गया जिनमें लगभग आधे लोग आलिंद फिब्रिलेशन से पीड़ित थे। शोधकर्ता स्मार्टफोन की सहायता से रोग की पहचान करने में कामयाब रहे। शोधकर्ताओं के अनुसार इससे लगभग 96 फीसदी तक प्रमाणित परिणाम मिले। शोधकर्ताओं के अनुसार इस एप को कुछ समय तक और विकसित किया जाएगा। यहां तक आने में सात साल लग गए।