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चमगादड़ और सुअर से केरल में फैला निपाह वायरस? जानें, क्या कहती है चौंकाने वाली रिपोर्ट

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से आग्रह किया है कि वे घबराएं नहीं। मंत्रालय ने कहा है कि निपाह विषाणु का फैलना केरल तक सीमित है...

Reported by: Bhasha
Updated : May 28, 2018 6:14 IST
Tests rule out bats as source of Nipah virus in Kerala | PTI
Tests rule out bats as source of Nipah virus in Kerala | PTI

नई दिल्ली: केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों से चमगादड़ों से एकत्रित नमूनों की जांच में उनमें निपाह विषाणु नहीं मिला है। यह बात एक केंद्रीय मेडिकल टीम ने स्वास्थ्य मंत्रालय को आज सौंपी गई एक रिपोर्ट में कही है। कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह विषाणु के संक्रमण से 12 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट में निपाह विषाणु फैलने में चमगादड़ और सूअर के मूल स्रोत होने से इनकार किया गया है। मेडिकल टीम अब निपाह विषाणु फैलने के अन्य संभावित कारणों का पता लगा रही है।

कुल 21 नमूने एकत्रित किये गए थे जिसमें से 7 चमगादड़, 2 सूअर, एक गोवंश और एक बकरी या भेड़ से था। इन नमूनों को भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया था। अधिकारी ने कहा, ‘इन नमूनों में उन चमगादड़ों के नमूने भी शामिल थे जो कि केरल में पेराम्बरा के उस घर के कुएं में मिले थे जहां शुरूआती मौत की सूचना मिली थी। इन नमूनों में निपाह विषाणु नहीं पाए गए हैं।’ ऐसे लोग जिनके निपाह विषाणु से संक्रमित होने का संदेह था उनके नमूनों में भी यह विषाणु नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब है कि इस विषाणु से संक्रमित होने वाले केवल 15 पुष्ट मामले हैं जिसमें से 12 ऐसे हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है। 3 व्यक्तियों का इलाज चल रहा है।’

हिमाचल प्रदेश में मृत मिले चमगादड़ों के नमूने पुणे भेजे गए थे, उनमें भी यह विषाणु नहीं मिला है। इसके साथ ही हैदराबाद के संदिग्ध मामलों के 2 नमूनों में भी यह विषाणु नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से आग्रह किया है कि वे घबराएं नहीं। मंत्रालय ने कहा है कि निपाह विषाणु का फैलना केरल तक सीमित है। मंत्रालय ने आम जनता और स्वास्थ्य देखभाल सुविधा मुहैया कराने वालों को बचाव उपाय करने की सलाह दी है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र निदेशक के नेतृत्व में एक केंद्रीय टीम केरल में स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सम्पर्क का पता लगाने की रणनीति सफल रही है। उसने कहा कि यह पता चला है कि जो भी मामले सामने आए हैं उनमें शामिल व्यक्ति उस व्यक्ति या उसके परिवार के सीधे या अप्रत्यक्ष सम्पर्क में आया जिसकी इसके चलते पहली मौत हुई थी।

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