Wednesday, December 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है सिरदर्द और एलर्जी

तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है सिरदर्द और एलर्जी

कोलकाता: इलेक्ट्रोमैगनेटिक हाइपरसेंसेटिविटी (EHS) जिसे वायरलेस एलर्जी या गैजेट एलर्जी भी कहा जाता है, एक बहस का मुद्दा है, जिस पर अभी शोध जारी है। वायरलेस उपकरणों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण ईएचएस की शिकायत

IANS
Updated : September 14, 2015 13:45 IST
तकनीक के ज्यादा...
तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है सिरदर्द और एलर्जी: रिपोर्ट

कोलकाता: इलेक्ट्रोमैगनेटिक हाइपरसेंसेटिविटी (EHS) जिसे वायरलेस एलर्जी या गैजेट एलर्जी भी कहा जाता है, एक बहस का मुद्दा है, जिस पर अभी शोध जारी है। वायरलेस उपकरणों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण ईएचएस की शिकायत की जाती है, जिसमें सिरदर्द, थकान, जैसे कई लक्षण शामिल हैं।

माना जाता है कि ये खासतौर पर ऐसे उपकरणों के उपयोग से होते हैं जो इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन छोड़ते हैं जैसे कि मोबाइल फोन सिग्नल, वाईफाई हॉटस्पॉट्स, टैबलेट्स, सेलफोन, लैपटॉप जैसे वाई फाई उपकरण और ऐसे ही कई अन्य उपकरण। यह विवादास्पद मामला खासतौर पर तब चर्चा में आया जब फ्रांस की एक अदालत ने एक 39 वर्षीय महिला को ईएचइस से पीड़ित होने की शिकायत के कारण विकलांगता भत्ता दिए जाने का आदेश दिया। उसे वाइफाई और इंटरनेट से दूर ग्रामीण इलाके में रहने का आदेश भी दिया गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक EHS के निदान का कोई स्पष्ट तरीका फिलहाल नहीं है और इसके कारण होने वाली शिकायतों के लक्षणों का ईएमएफ (इलेक्ट्रोमैगेटिक फील्ड) से संबंध होने का कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है, लेकिन साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा, "इसके लक्षण वास्तविक हैं और इनकी गंभीरता भिन्न हो सकती है। कारण भले ही कुछ भी हो ईएचएस से प्रभावित व्यक्ति के लिए यह कष्टकारी हो सकता है। "

ईएचएस और सेलफोन उपयोग के संबंध के बारे में अध्ययन करने वाले भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि वायरलेस तकनीकों के प्रसार के साथ इनसे जुड़ी समस्याओं की शिकायतों में भी बढ़ोतरी हुई है।

एसआरएम विश्वविद्यालय लखनऊ के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सह प्रध्यापक नीरज तिवारी ने आईएएनएस को एक ईमेल इंटरव्यू में कहा, "मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के अत्यधिक उपयोग के कारण रेडियो फ्रिक्वेंसी इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन के जोखिम का स्तर कई गुना बढ़ गया है, जिसके आम लक्षण सिरदर्द, बेचैनी, नींद में अनियमितता, थकान और तनाव के रूप में देखे जा सकते हैं।"

बतौर वैज्ञानिक इस मुद्दे पर काफी काम कर चुके बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के स्कूल ऑफ बायो साइंसेज एंड बायोटेक्न नोलोजी के डीन और बायोटेक्नोलोजी विभाग के प्रमुख एम.वाई.खान ने बताया, "मोबाइल से इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन अनुवांशिक स्तर पर भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है, अगर इनके संपर्क में रहने का समय और इनका उत्सर्जन स्तर ज्यादा हो।"

अगली स्लाइड में पढें तकनीक के इस्तेमाल से से हो सकता है सिरदर्द और एलर्जी

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement