हेल्थ डेस्क: टीबी के प्रति लोगों के बीच जागरुकता फैलाने वाले महानायक अमिताभ बच्चन खुद टीबी की बीमारी का शिकार थे। आपको बता दें कि अमिताभ अब इस अभियान के एम्बेसेडर है।
आपको बता दें कि अमिताभ बच्चन को साल 2000 में "कौन बनेगा करोड़पति" (KBC) की शूटिंग के दौरान भूख न लगना, कमजोरी जैसी प्रॉब्लम के बाद जांच में टीबी की बीमारी का पता चला था। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद टीबी के खिलाफ कैंपेन के दौरान किया था।
इस बारें में अमिताभ बच्चन कहते हैं, "सालों पहले मैं भी टीबी का पेशेंट था। मैंने पहले कभी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ये बात नहीं कही। अगर ये बीमारी मुझे हो सकती है तो किसी को भी हो सकती है। मैं काफी कमजोर था, भूख नहीं लगती थी। ब्लड टेस्ट में पता चला कि मुझे टीबी है। साल भर तक इसका इलाज चला।"
"टीबी की बीमारी बहुत कष्टदायक होती है। आप बैठ या लेट नहीं सकते। मैं शो की शूटिंग के दौरान हर दिन आठ-दस पेन किलर गोलियां लेता था। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे अच्छा इलाज और हेल्दी फूड मिला। टीबी का रोगी भी आसानी से अपना काम कर सकता है, शर्त सिर्फ इतनी है कि दवा की पूरी खुराक समय पर ली जाए।"
अमिताभ ने आगे लिखा, ''अगर टीबी मुझे हो सकती है तो इसका मतलब है कि यह किसी को भी हो सकती है। लेकिन समय पर इसका पता चलने पर और पूरा इलाज लेने पर इसे हराया जा सकता है।''
उन्होंने आगे कहा कि लोग इस बीमारी से घबराते है, टीबी से फिल्मों में मरते देख लोग असल जिंदगी में भी इससे डरते है, लेकिन यह बीमारी लाइलाज नहीं है।
वहीं टीवी के मरीजे से हो रहे बुरे बर्ताव को लेकर अमिताभ बच्चन कहते हैं कि टीबी प्रभावित लोगों के साथ दुर्भाग्यवश भेदभाव होता है, खासकर विवाहित महिलाएं इसका शिकार होती हैं, या लड़कियों को शादी के प्रस्ताव मिलने में दिक्कत होती है। या फिर शादी हो गई तो घर से बाहर कर देते है। समाज में फैली इस कुप्रथा को हम इस अभियान से ठीक कर सकते है, जैसे उचित दवा से टीबी को।
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