हेल्थ डेस्क: एक इंसान दुखी तब सबसे ज्यादा हो जाता है जब उसे अपनी इच्छा के अनुसार काम या पैसा नहीं मिलता है। यह मुमकिन भी नहीं है कि सबको उनको इच्छा के अनुसार सब कुछ मिले ही । इस सवाल का जवाब शायद ही किसी के पास हो लेकिन एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कम पैसे वाली जॉब करने से अच्छा है आप बेरोजगार रहें । जी हां यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कम सैलरी वाली जॉब से लोग दिमागी रूप से ज्यादा बीमार हो जाते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक आपके पास जॉब है और फिर भी आप किसी न किसी वजह से तनाव में रहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो यह जान लीजिए की आपके तनाव का कारण आपकी सैलरी तो नहीं है। ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक रिसर्च के अनुसार बेरोजगार लोगों के मुकाबले ऐसे लोग ज्यादा बीमार रहते हैं जो कम सैलरी पर काम करते हैं।
यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमायलॉजी में प्रकाशित हुआ है। साल 2009 से 2010 में हुए एक शोध के दौरान 35 से 75 साल की आयु के एक हजार बेरोजगार लोगों पर अध्ययन किया गया। इन लोगों के स्वास्थ्य और हार्मोन्स पर दिखाई देने वाले दीर्घकालिक तनाव के स्तर पर नजर रखी गई।
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तरानी चंदोला समेत कई शोधकर्ताओं ने पाया कि खराब गुणवत्ता का काम करने वाले वयस्कों में दीर्घकालिक स्तर का उच्च तनाव स्तर पाया गया जबकि जो लोग बेरोजगार थे उनमें तनाव का स्तर कम था। शोधकर्ताओं ने बताया कि अच्छी नौकरी करने वाले वयस्कों में बायोमार्कर का कम स्तर पाया गया। उन्होंने कहा कि बेरोजगार लोगों के मुकाबले अच्छी गुणवत्ता की नौकरी करने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ लेकिन खराब गुणवत्ता का काम करने वालों और बेरोजगार लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में कोई अंतर नहीं था।
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