हेल्थ डेस्क: किडनी की समस्या का पहले पता नहीं चलता और जब पता चलता है तो काफी देर हो जाती है। लेकिन हालिया रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्मी के दिनों में किडनी में पथरी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है।
किडनी की समस्या सबसे बूरी बीमारी होती है। किडनी हमारी बॉडी का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके द्वारा हमारे शरीर से गंद निकलता है। जून और जुलाई का महीना हमारी किडनी पर भारी पड़ रहा है। शरीर में पानी की कमी कमी होने और पसीना अधिक आने से किडनी में पथरी जम रही है।
बीते दो महीनों में पथरी के रोगियों की संख्या में तीस फीसदी का इजाफा हो गया है। इसके साथ ही यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन और किडनी फेलियर के मरीज भी बढ़े हैं। तापमान बढऩे से बुजुर्गों में प्रोस्टेट की समस्या भी हो रही है। डॉक्टरों ने खूब पानी पीने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गर्मी और तेज हुई तो पथरी से ग्रसित रोगियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। लोगों को प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी पीने की सलाह दी गई है ताकि किडनी स्वस्थ रहे।
होने वाली परेशानियां
तापमान अधिक होने से हमारा शरीर तेजी से पसीना निकालता है और शरीर का तापक्रम 37 डिग्री बनाए रखता है। पसीने के साथ काफी पानी बाहर निकल आता है। शरीर में साठ फीसदी पानी है। जब कोशिका में 30 फीसदी तक पानी कम हो जाता है तो डिहाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है। पानी की कमी पूरी करने के लिए हमारा शरीर मूत्र की सांद्रता बढ़ाता है यानी मूत्र में पानी कम होकर वह अधिक अम्लीय प्रकृति का हो जाता है।मूत्र गाढ़ा होने के साथ शरीर में मौजूद लवण का अवक्षेपण होने लगता है। इनके चलते ऑक्सजलेट, फॉस्फेट, यूरेट, यूरिक एसिड और अमीनो एसिड के छोटे-छोटे कण किडनी में इकठ्ठा होकर पथरी के रूप में संग्रहित हो जाते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को यूरीनरी इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है।