वर्टिगो
यह एक गंभीर किस्म की स्थिति है। ऐसे में इतनी तेज़ चक्कर आता है कि इससे पीडि़त व्यक्ति चल-फिर नहीं पाता। ऐसे असंतुलन और चक्कर के दौरे कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक जारी रहते हैं। अंदरूनी कान या सेंट्रल नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी इसकी प्रमुख वजह है। यात्रा के दौरान होने वाली घबराहट, लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना, माइग्रेन या कान के अंदरूनी हिस्से में मौज़ूद फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाने की वजह से भी लोगों को ऐसी समस्या हो सकती है। इसमें चक्कर के साथ वोमिटिंग भी हो सकती है।
बेचैनी महसूस हो सकती है
कई बार लोगों को बहुत ज्यादा घबराहट और बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में किसी भी तरह लेटने या बैठने पर उन्हें आराम नहीं मिलता। पैनिक अटैक या ब्लडप्रेशर के बहुत ज्यादा बढऩे-घटने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। वैसे तो किसी भी व्यक्ति को डिज़ीनेस हो सकती है लेकिन स्त्रियों में इसके लक्षण ज्यादा नज़र आते हैं क्योंकि उनके शरीर में हॉर्मोन संबंधी असंतुलन की समस्या अधिक होती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान भी हॉर्मोन संबंधी उतार-चढ़ाव की वजह से कुछ स्त्रियों को चक्कर आते हैं। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट से भी कुछ स्त्रियों को डिज़ीनेस हो सकती है।