हेल्थ डेस्क: अचानक से आपका भी सर चकराए तो उसे हल्के में न ले क्योंकि इसके पीछे का कारण काफी बड़ा हो सकता है। कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि अचानक से चक्कर जाए और उस चक्कर में आप गिरत-गिरते बचे हो। अगर अचानक से आपके साथ भी ऐसा होता है तो इस बात को हल्के में बिल्कुल न लें क्योंकि ये गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि आज सुबह मुझे बहुत तेज़ चक्कर आया और मैं गिरते-गिरते बचा, कई बार आंखों के सामने बिलकुल अंधेरा छा जाता है या चलते वक्त ऐसा लगता है कि कदमों पर मेरा नियंत्रण नहीं है. दरअसल ये आमतौर पर गला, आंख, कान, नर्वस सिस्टम या ब्रेन के किसी विशेष हिस्से में होने वाली गड़बड़ी की वजह से भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। हालांकि, ब्लडप्रेशर का असामान्य ढंग से बढऩा या घटना, शरीर में पानी, सोडियम या हीमोग्लोबिन की कमी से भी चक्कर आने की समस्या देखने को मिलती है।
इन वजहों से होने वाली डिज़ीनेस को आसानी से दूर किया जा सकता है लेकिन वैसी स्थिति में ज्य़ादा मुश्किल आती है, जब ब्रेन के सेरिब्रल पार्ट में चोट लगने, नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी या कान में वायरल इन्फेक्शन की वजह से चक्कर आते हों। सामान्य स्थिति में सिर को हिलाने पर सिग्नल अंदरूनी कान तक पहुंचता है। अंदरूनी कान में संतुलन नियंत्रित करने वाला तंत्र लेब्रिन्थिन सिस्टम जानकारी को वेस्टिबुलर सिस्टम तक पहुंचाता है, जो संदेश को दोबारा ब्रेन के उस हिस्से तक पहुंचाता है, जहां से संतुलन, तालमेल और व्यक्ति के हावभाव नियंत्रित होते हैं। इस पूरे सिस्टम के किसी हिस्से में खराबी आने पर सिर के चकराने की समस्या पैदा होती है।