रक्तप्रदर और गर्भपात में भी दूब उपयोगी है। दूब के रस में सफेद चंदन का चूर्ण और मिश्री मिलाकर पिलाने से रक्तप्रदर में लाभ होता है। प्रदर रोग में तथा रक्तस्त्राव एवं गर्भपात जैसी योनि व्याध्यिों में इसका प्रयोग करने से रक्त बहना रुक जाता है। गर्भाशय को शक्ति तथा पोषण मिलती है। श्वेत दूब वीर्य को कम करती है और काम शक्ति को घटाती है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि इसके अलावा भी दूब का उपयोग कई अन्य रोगों में इलाज के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि वस्तुत: दुर्वा प्रत्येक भारतीय के निकट रहने वाली दिव्य वनौषधि है, जो किसी भी परिस्थिति में हरी-भरी रहने की सामथ्र्य रखती है और प्रत्येक रोगी को भी पुनर्जागृत बनाती है।