हेल्थ डेस्क: आज के समय में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी कब किसको हो जाएं। इस बात को कहना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। ऐसे ही एक कैंसर है पेट का कैंसर। जिसे गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से जाना जाता है। इस कैंसर में पेट में कुछ असाधारण और घातक कोशिकाएं का सूमह एक जगह इकट्ठा हो जाते है। जानें पेट का कैंसर क्या है, लक्षण, कारण और बचाव के बारें में।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कैंसर के कारण होने वाली मौत में लगभग करीब 7 लाख लोगों की मौत पेट के कैंसर के कारण ही होती है। (रोजाना करें इन औषधियों का सेवन और स्वाइन फ्लू रहेगा कोसों दूर)
क्या है पेट का कैंसर
पेट के कैंसर को बड़ी आंत का कैसर भी कहते हैं और यह पाचन तंत्र के निचले हिस्से में होता है। यह वह जगह है जहां भोजन से शरीर के लिए ऊर्जा पैदा की जाती है। साथ ही यह शरीर के ठोस अवशिष्ट पदार्थों को भी पचाता है। पेट का कैंसर भीतरी परत से शुरू होकर धीरे-धीरे बाहरी परतों पर फैलता है। इसीलिए यह बताना मुश्किल होता है कि कैंसर कितने भीतर तक फैला हुआ है। (बस रोजाना करें 40 पुश-अप्स और हमेशा के लिए पाएं हार्ट अटैक से निजात: Study)
पेट का कैंसर होने के कारण
- अधिक धूम्रपान करना।
- अधिक मसाला वाला खाने का सेवन।
- शराब का सेवन।
- पेट का कोई पुरानी बीमारी संबंधी समस्या।
- पेट की शल्य चिकित्सा
- पेट के कैंसर से प्रभावित लोगों के साथ रहना।
- फैमिली में किसी को पेट के कैंसर की समस्या हो चुकी हो।
- सर्जरी
पेट के कैंसर के लक्षण
- पेट या फिर छाती में अक्सर दर्द रहना
- खाना खाने के बाद पेट फूल जाना
- भूख न लगने की समस्या
- अधिकतर मितली की समस्या या उल्टी आना
- कमजोरी और थकावट होना
- तेजी के साथ वजन कम होना
- पेट में हवा सा भर जाना।
- उल्टी होना(खून की भी हो सकती है)
- मल में खून आना या पिर उनका रंग काला होना।
पेट के कैंसर से बचाव
एक्सरसाइज: हमारे शरीर के लिए जिस तरह आहार जरुरी है। उसी तरह एक्सरसाइज करना भी बहुत ही ज्यादा जरुरी है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो आप न जाने कितनी बीमारियों के शिकार हो सकते है। इसलिए अपनी आदत में एक्सरसाइज को शामिल करना बहुत ही जरुरी है।
- फल और सब्जियों का सेवन करना।
- स्मोकिंग बंद करना।
- अपने खाने में नमक और मसाले कम लेना।
ऐसे पता करें पेट का कैंसर
अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण लग रहे है कि आपको भी पेट का कैंसर है। तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके अलावा आप ये टेस्ट करा कर इस समस्या से बारें में जान सकते है।
- ब्लड टेस्ट
- अपर एंडोस्कोपी
- सीटी स्कैन
- बायोप्सी