क्या होता है कार्डियक अरेस्ट
वहीं कार्डियक अरेस्ट या पूर्णहृदरोध में, दिल के प्रभावी तरीके से सिकुड़ने में दिक्कत के कारण खून के सामान्य संचरण में ठहराव आता है। यह दिल के दौरे से अलग है, लेकिन यह दिल के दौरे का कारण हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट के कारण, शरीर में ऑक्सीजन के वितरण रूक जाता है। जिसके कारण दिल पर बुरा असर पड़ता है और मरीज की जान भी जा सकती है। इसके इलाज के लिए पीड़ित को जल्द से जल्द सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन) दिया जाता है। जिससे दिल की धड़क को नियमित किया जा सके। सीपीआर में बीमार को डिफाइब्रिलेटर से बिजली के झटके दिए जाते है, जिससे हृदयगति को नॉर्मल हो सके।गौरतलब है कि कार्डियक अरेस्ट एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसका कुछ खास स्थितियों में अगर समय से इलाज किया जाए तो मरीज की जान बच सकती है। जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है, उनमें कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर किसी के परिवार में दिल की बीमारी रही है तो भी इसका खतरा बना रहता है।