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रजोनिवृत्त महिलाओं में हड्डियों का क्षरण रोक सकता है सोयाबीन

लंदन: सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस से भरपूर आहार का सेवन रजोनिवृत्त महिलाओं में हड्डियों को कमजोर होने और हड्डियों के क्षरण से संबंधित बिमारी ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है। एक अध्ययन में यह

IANS
Updated on: November 04, 2015 21:05 IST
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लंदन: सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस से भरपूर आहार का सेवन रजोनिवृत्त महिलाओं में हड्डियों को कमजोर होने और हड्डियों के क्षरण से संबंधित बिमारी ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। इंग्लैंड के हुल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, सोयाबीन खाद्य उत्पादों में आइसोफ्लेवोंस नामक रसायन होता है जो कि संरचना में इस्ट्रोजन हार्मोन जैसा होता है और महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है।

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अध्ययन के दौरान प्रारंभिक रजोनिवृत्ति की अवस्था वाली 200 महिलाओं को छह महीनों तक आइसोफ्लेवोंस सहित सोया प्रोटीन युक्त अनुपूरक आहार या केवल सोया प्रोटीन दिया गया। उसके बाद शोधकर्ताओं ने महिलाओं के रक्त में कुछ प्रोटीनों की जांच करके हड्डियों में हुए परिवर्तन का अध्ययन किया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि केवल सोया प्रोटीन लेने वाली महिलाओं की तुलना में आइसोफ्लेवोंस युक्त सोया आहार लेने वाली महिलाओं में हड्डियों के क्षरण की रफ्तार धीमी पड़ गई थी और उनमें ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो गया था।

केवल सोया लेने वाली महिलाओं की तुलना में आइसोफ्लेवोंस के साथ सोया लेने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा भी कम पाया गया।

अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता थोझुकट सत्यापालन के मुताबिक, "हमें ज्ञात हुआ कि रजोनिवृत्ति की प्रारंभिक अवस्था के दौरान महिलाओं की हड्डियों का स्वास्थ्य सुधारने के लिए सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। "

महिलाओं में रजोनिवृत्ति के तत्काल बाद के वर्षो में हड्डियों का क्षरण सबसे तेजी से होता है क्योंकि इस अवधि में हड्डियों को सुरक्षित रखने वाले इस्ट्रोजन हार्मोन का उनके शरीर में बनना कम हो जाता है।

अध्ययन एक नवंबर को हुए इडनबर्ग के सोसायटी फॉर एंडोक्रोनोलोजी के वार्षिक सम्मेलन में पेश किया गया।

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