नई दिल्ली: माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर अपने यूजर्स को मानसिक और शारीरिक खतरों से बचाने के तरीकों पर विचार कर रहा है, जोकि इसके मंच पर डिजिटल बातचीत या संपर्क के कारण शुरू हो रहा है। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसी ने एक ऑनलाइन साक्षात्कार में यह बातें कही।
डोरसी ने यह बातें अपने मंच पर उत्पीड़न को कम करने तथा स्वस्थ बातचीत को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों पर चर्चा करते हुए कही।
डोरसी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, "हमें सबसे पहले इस बात पर विचार करना होगा कि क्या ऑनलाइन गतिविधियां शारीरिक सुरक्षा पर भी प्रभाव डालती है, इसी हिसाब से हम अपने प्रयासों की प्राथमिकता निर्धारित करेंगे। मैं नहीं समझता कंपनियों ने जिसमें हम भी शामिल हैं, इस मुद्दे पर पर्याप्त ध्यान दिया है।"
कंपनी उन नीतियों और प्रवर्तनों को लागू कर रही है, जिससे ट्विटर के यूजर्स को ऑफलाइन शारीरिक हानि पहुंचने की संभावना कम होगी।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि अक्टूबर 2018 में ट्विटर ने ट्रांसजेंडर यूजर्स को गलत तरीके से पेश करने पर रोक लगा दी थी और बार-बार या गैर-सहमति वाले अपमानजनक, गाली, नस्लवादी और लिंगभेदी अलंकारिक भाषा वाले ट्विट्स को प्रतिबंधित कर दिया था।