टोरंटो : भारत के पुरुषों में धूम्रपान करने की लत में पिछले 18 साल में एक तिहाई से ज्यादा का इजाफा हुआ है और इनकी संख्या बढकर 10.8 करोड़ हो गई है। यह चिंताजनक बात नए अध्ययन में सामने आई है जो भारतीय मूल शोधकर्ता की अगुवाई में किया गया है। इसमें यह भी सामने आया है कि सिगरेट पारंपरिक बीडी की जगह ले रही है।
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अध्ययन में पाया गया है कि किसी भी तरह का धूम्रपान करने वाले 15 से 69 वर्ष की उम्र के बीच के पुरुषों की संख्या बढकर करीब 2.9 करोड या 36 प्रतिशत हो गई है। यह 1998 में 7.9 करोड थी जो 2015 में 10.8 करोड हो गई। धूम्रपान करने वाले पुरुषों की संख्या में औसत तौर पर प्रतिवर्ष तकरीबन 1.7 करोड का इजाफा हुआ है।
अध्ययन की अगुवाई करने वाले टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रभात झा ने कहा कि 2010 में धूम्रपान की वजह से लगभग 10 लाख लोगों की मौत हुई जो भारत में होने वाली कुल मौतों का 10 फीसदी है। इन मौतों में 70 प्रतिशत मौतें 30 से 69 वर्ष की आयु के बीच के लोगों की हुईं, जो कि जीवन का सर्वोत्तम दौर होता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि 15 से 69 की आयु के ध्रूमपान करने वालों की औसत में तो गिरावट आई है जो 1998 में 27 प्रतिशत से घट कर 2010 में 24 प्रतिशत रह गई, लेकिन आबादी बढने की वजह से संख्या में इजाफा हुआ।
अध्ययन में कहा गया है कि पारंपरिक वीडियो की जगह अब सिगरेट का सेवन तेजी से बढ रहा है। इसकी वजह शायद भारत में आमदनी में बढोतरी और जनसंख्या में वद्धि सकता है। 2015 तक सिगरेट और बीडी पानी वाले 15 से 69 वर्ष की आयु समूह के पुरुषों की संख्या मौटे तौर पर बराबर थी। 6.1 करोड भारतीय वयस्क पुरुष सिगरेट पीते थे (विशेष रूप से चार करोड़) और 6.9 करोड बीडी पीते थे।
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि 15 से 29 वर्ष के बीच की आयु के पुरुषों में धूम्रपान की लत में तेजी से बढोतरी हुई है। 15 से 69 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के पुरुषों में किसी तरह के धूम्रपान का उच्च चलन 1998 में भी और 2010 में भी निरक्षर लोगों में ही अधिक था।
अध्ययन के मुताबिक, शहरी भारत में धूम्रपान करने वालों की संख्या में करीब 68 फीसदी की बढोतरी हुई है जो 1.9 करोड़ से बढ़कर 3.1 करोड़ हो गयी है। वहीं ग्रामीण भारत में 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जो 6.1 करोड़ से बढकर 7.7 करोड़ हो गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि 15 से 69 वर्ष के बीच के आयु समूह में 1.1 करोड महिलाएं ऐसी हैं जो धूम्रपान करती हैं। यह पुरुषों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान का दसवां हिस्सा है।
दुनिया में चीन ही एक ऐसा देश है जहां पर धूम्रपान करने वालों की संख्या भारत से ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में धूम्रपान की लत छोडने का भी चलन नहीं है। 2015 में 45 से 59 की उम्र के बीच लोगों में जहां एक व्यक्ति धूम्रपान छोडता है लेकिन उसकी जगह चार नए धूम्रपान की लत लगा लेते हैं। यह शोध बीएमजे ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।