Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. सावधान! कहीं आप अपने पास स्मार्टफोन रख कर तो नहीं सोते

सावधान! कहीं आप अपने पास स्मार्टफोन रख कर तो नहीं सोते

स्मार्टफोन और टैबलेट्स जैसे उपकरणों में आग लगने व विस्फोट होने की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन आप बेफिक्र होकर इसको साथ लेकर सो भी रहे हैं। सावधान! इनसे दर्जनों खतरनाक गैसें निकल रही हैं। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है।

India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 22, 2016 15:39 IST
smartphone- India TV Hindi
smartphone

हेल्थ डेस्क: आज के दौर में स्मार्टफोन के बिना को लाइफ ही नहीं रह गई हो जैसे। उसके बिना तो ऐसे लगता हैं जैसे कि बॉडी का कोई एक पार्ट निकल गया है। जिसके बिना आप एक कदम भी नहीं चल सकते हैं।  

स्मार्टफोन और टैबलेट्स जैसे उपकरणों में आग लगने व विस्फोट होने की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन आप बेफिक्र होकर इसको साथ लेकर सो भी रहे हैं। सावधान! इनसे दर्जनों खतरनाक गैसें निकल रही हैं। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है।

वैज्ञानिकों की एक टीम ने लिथियम-आयन बैटरियों से निकलने वाली 100 से ज्यादा जहरीली गैसों की पहचान की है। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड भी शामिल है। इस वजह से आंखों, त्वचा और नसिका में जलन की समस्या पैदा हो जाती है। यह पर्यावरण को भी बड़े पैमान पर नुकसान पहुंचाती है।

चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस एंड सिन्गुहा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, अभी भी बहुत सारे लोग स्मार्टफोन के जरूरत से ज्यादा गर्म होने या खराब चार्जर से चार्ज करने के खतरों को लेकर अनजान हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस के प्रोफेसर और प्रमुख लेखक जी सन ने कहा, "आजकल दुनिया भर की बहुत सी सरकारें लिथियम-आयन की बैटरियों को ज्यादा सक्रियता से बढ़ावा दे रहे हैं। लिथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल लाखों परिवार कर रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि आम लोग इस ऊर्जा स्रोत के पीछे छिपे खतरे को समझें।"

बैटरियों में विस्फोट के खतरे ने निर्माताओं को लाखों उपकरण वापस लेने को मजबूर किया।

डेल कंपनी ने साल 2006 में लाखों लैपटॉप और बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद साल 2016 में सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 को अपने उपकरणों को वापस लेना पड़ा।

लेकिन जहरीली गैसों के उत्सर्जन और इसके उत्सर्जन के स्रोतों को अभी अच्छी तरह से समझा नहीं जा सका है। प्रोफेसर सन और उनके सहयोगियों ने कई कारकों की पहचान की है जो विषाक्त गैसों के उत्सर्जन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर एक पूरी तरह से चार्ज बैटरी करीब 50 प्रतिशत चार्ज बैटरी के मुकाबले ज्यादा विषैली गैसें उत्सर्जित करती हैं। बैटरी में शामिल रसायन और उनकी चार्ज रिलीज करने की क्षमता भी जहरीली गैसें छोड़ने की मात्रा पर असर डालता है।

इस अध्ययन के लिए करीब 20 हजार लिथियम आयन बैटरियों को दहन के बिंदु तक गर्म किया। इससे कई उपकरणों में विस्फोट हुआ और सभी में एक रेंज तक विषैली गैसों का उत्सर्जन हुआ।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement