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स्किन पर दिखे इस तरह के सफेद दाग तो न करें इग्नोर, ऐसे पाएं निजात

स्किन प्रॉब्लम एक बार हो जाये तो फिर जाते-जाते जाती है। एक बार स्किन पर फंगल इंफेक्शन हो जाए तो फिर कई दिनों तक रहती है। अगर आपके स्किन पर भी ऐसी कोई फंगल इंफेक्शन है तो आपको कुछ खास बातों की ख्याल रखने की जरूरत है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 09, 2018 17:13 IST
skin infection- India TV Hindi
skin infection

नई दिल्ली: स्किन प्रॉब्लम एक बार हो जाये तो फिर जाते-जाते जाती है। एक बार स्किन पर फंगल इंफेक्शन हो जाए तो फिर कई दिनों तक रहती है। अगर आपके स्किन पर भी ऐसी कोई फंगल इंफेक्शन है तो आपको कुछ खास बातों की ख्याल रखने की जरूरत है।

फंगल स्किन इंफेक्शन कई तरह के फफूंद की वजह से होता है, जिनमें डर्मेटोफाइट्स और यीस्ट प्रमुख हैं। फफूंद मृत केराटीन में पनपता है और धीरे-धीरे शरीर के नम स्थानों में फैलता जाता है,  जैसे पैर की एड़ी, नाखून, जननांगों और स्तन। केराटीन एक प्रकार का प्रोटीन है जिससे त्वचा, नाखून और बालों के निर्माण में होता है। 

त्वचा हमारे शरीर को किसी भी तरह के वायरल और बैक्टेरिया के संक्रमण से बचाती है। स्किन फंगल इंफेक्शन में त्वचा पर सफेद पपड़ी जम जाती है, जिसमें खुजली होती है। ध्यान न देने पर कभी-कभी इनमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो जाता है।

त्वचा का संक्रमण और चर्म रोग दोनों में अंतर है। त्वचा का संक्रमण रोगाणु, जीवाणु, वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट और फंगल के संक्रमण से होता है। त्वचा में संक्रमण के लिए कई तरह के कीटाणु जिम्मेवार होते हैं। अगर लक्षण जानते हुए भी तत्काल उपचार नहीं किया जाए तो संक्रमण गंभीर भी हो सकते हैं।

फफूंद संक्रमण कैसे होता है? (Causes of Skin Fungal Infection)

नमी में बढ़ता है त्वचा पर फफूंद संक्रमण- बरसाती मौसम, उमस और नमी भरे वातावरण में फंगस का आक्रमण बढ़ जाता है। यही कारण है कि इन दिनों अधिकतर लोग फंगल इंफेक्शन का शिकार होते हैं।

इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधी क्षमता का कमजोर होना- स्किन इंफेक्शन की बड़ी वजह इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधी क्षमता का कमजोर होना है। इस मामले में त्वचा संक्रमण का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। दवा के साइड इफेक्ट से भी स्किन में इंफेक्शन का खतरा रहता है।

इसके अलावा, कवक यानि यीस्ट अक्सर गर्म, नम वातावरण में बढ़ता है। पसीने से तर या गीले कपड़े पहने हुए व्यक्ति को त्वचा संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। स्किन कटने या फटने पर संक्रमित बैक्टीरिया त्वचा के गहरे परत तक फैल सकता है।

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