हेल्थ डेस्क: होम्योपैथी इलाज का एक तरीका है, जिसे 200 साल पहले जर्मन डॉक्टर जामुऐल्स हानेमन खोजा। होम्योपैथी के डॉक्टर रोग के लक्षण खोजकर ऐसी दवा देते हैं जो वैसे ही लक्षण पैदा करे। लेकिन वह खुराक इतनी कम देते हैं कि शरीर में दवा का सुराग लगाना मुश्किल हो जाता है।
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होम्योपैथी में किसी भी रोग के उपचार के बाद भी यदि मरीज ठीक नहीं होता है तो इसकी वजह रोग का मुख्य कारण सामने न आना भी हो सकता है। इसके अलावा मरीज द्वारा रोग के बारे में सही जानकारी न देना उचित दवा के चयन में बाधा पैदा करती है जिससे समस्या का समाधान पूर्ण रूप से नहीं हो पाता। ऐसे में मरीज को उस दवा से कुछ समय तक के लिए तो राहत मिल जाती है लेकिन बाद में यह दवा शरीर पर दुष्प्रभाव छोडऩे लगती है। इस लापरवाही से आमतौर पर होने वाले रोगों का इलाज शुरुआती अवस्था में नहीं हो पाता और वे क्रॉनिक रूप ले लेते हैं व असाध्य रोग बन जाते हैं। जानिए होम्यौपैथी दवाओं का सेवन करने के क्या साइड इफेक्ट है।
- होम्योपैथी दवाएं खाने का सबसे बड़ा नुकसान है, कि यह दवाएं तुरंत फायदा नहीं करती है। बल्कि ये धीरे-धीरे फायदा करती है। इसलिए ऐसी बीमारी जिसमें तुरंत इलाज की जरुरत हो। तब इन दवाओं का सेवन न करें।
- अगर आपके शरीर में आयरन या अन्य तत्वों की कमी है, तो भूलकर भी न करें होम्योपैथी दवाओं का सेवन। इसका कोई असर नहीं होता है। इसका सेवन करने से आपको शरीर में पोषक तत्व नहीं बनते है।
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