हेल्थ डेस्क: भारत मेटाबॉलिक सिंड्रोम की महामारी का सामना कर रहा है, जिसे पेट का मोटापा, हाईट्रिग्लिसाइड, अच्छे कोलेस्ट्रॉल की कमी, हाई ब्लडप्रेशर और हाई शुगर से मापा जाता है। पेट का घेरा अगर पुरुषों में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा और महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से ज्यादा हो, तो भविष्य में होने वाले दिल के दौरे की संभावना का संकेत होता है।
ये भी पढ़े
- मोटापा को करना है कंट्रोल, तो लें फिजियोथेरेपी की मदद
- छिलके सहित फल, सब्जियां खाने के ये फायदे नहीं जानते होगे आप
- सिर्फ 45 सेंकड माथे के इस प्वाइंट को दबाने से मिलेगे आश्चर्यजनक फायदे
- सावधान! सुबह खाली पेट चाय पीने से हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां
पुरुषों में 20 साल और महिलाओं में 18 साल के बाद किसी का वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए। 50 साल की उम्र के बाद वजन कम होना चाहिए ना कि बढ़ना चाहिए।"
पेट का मोटापा जीवों के फैट से नहीं, बल्कि रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स खाने से होता है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स में सफेद चावल, मैदा और चीनी शामिल होते हैं। भूरी चीनी सफेद चीनी से बेहतर होती है।"
बच्चों में मोटापा आगे चल कर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बनता है। 70 प्रतिशत मोटापे के शिकार युवाओं को दिल के रोगों का एक खतरा होता ही है। बच्चे और किशोर जिनमें मोटापा है, उन्हें जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं, स्लीप एप्निया और आत्म-विश्वास में कमी जैसी मानसिक समस्याएं होने का ज्यादा खतरा होता है। इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे का मोटापा कम करा सकते है। जानिए इन उपायों के बारें में।
- सप्ताह में एक दिन कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करें।
- कड़वे और मीठे फल मिलाकर खाएं जैसे आलू, मटर की जगह आलू मेथी बनाएं।
- सैर करें।
- करेले, मेथी, पालक, भिंडी जैसी हरी कड़वी चीजें खाएं।
- वनस्पति, घी न खाएं।
- एक दिन में 80 एमएल से ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक न पिएं।
- 30 प्रतिशत से ज्यादा चीनी वाली मिठाइयां न खाएं।
- सफेद चावल, मैदा और चीनी से परहेज करें।