हेल्थ डेस्क: लड़कियों के चेहरे में बाल आना आज के समय में नार्मल बात हो गई है। इसका मुख्य कारण लाइफस्टाइल में परिवर्तन माना जाता है। आज के समय में अगर चेहरे में बाल है तो समाज के लिए शर्म की बात होती है। जिस लड़की के चेहरे पर बाल होते है वह अपने चेहरे को ढककर चलती है। जिससे कि कोई उन्हें देखकर अजीब तरह से रियेक्ट न करें।
कई लड़कियां ऐसी भी होती है जो कि सैलून जाकर अपने पूरे चेहरे की थ्रेडिंग या फिर वैक्स करा लेती है। लेकिन कुछ समय बाद फिर वहीं समस्या निकल आती है। जिससे निजात पाने के लिए न जानें कितनी तरह के उपाय अपनाती है। कई ऐसे लोग भी होते है जो दवाओं के साथ लेजर ट्रिटमेंट कराते है।
दवाओं की बात करें तो काफी हद तक इससे निजात मिल जाता है। वहीं लेजर ट्रिटमेंट कराने पर दोबारा नए बाल नहीं निकलते है। लेकिन इस बारें में डॉक्टर्स की क्या रॉय है कि आखिर चेहरे पर बाल क्यों निकलते है? इसके पीछे क्या कारण है। जानने के लिए पढ़े पूरा आर्टिकल।
बीबीसी से बात करती हुई दिल्ली की डर्मेलॉजिस्ट डॉ. सुरूचि पुरी इस बारें में कहती है कि हमारे समाज में लड़कियों के चेहरे में बाल होना शर्म की बात माना जाता है। लेकिन उन्हें यह बात नहीं है कि ये बॉयोलॉजिकल साइकिल में गड़बड़ी के कारण होता है। (कोकोनेट क्रीम का करें यूं इस्तेमाल और पाएं एक सप्ताह में डैमेज- डैंड्रफ फ्री हेल्दी बाल )
वो बताती है कि चेहरे में बाल दो वजहों से होते है। पहली वजह आनुवांशिक कारण और दूसरी वजह हॉर्मोन्स में गड़बड़ी के कारण। हॉर्मोंस में संतुलन बिगड़ने कारण चेहरे पर बाल आ जाते है। (ऐसे चुटकियों में जानें कि पैकेट वाला बंद दूध असली है कि नकली )
चेहरे पर बाल होना हो सकता है सिंड्रोम
डॉ सुरूचि के अनुसार, 'चेहरे पर अधिक बाल होने की स्थिति को 'हाइपर ट्राइकोसिस' कहते हैं। अगर आनुवांशिक वजहों के चलते चेहरे पर बाल हैं तो इसे 'जेनेटिक हाइपर ट्राइकोसिस' कहते हैं और अगर ये परेशानी हॉर्मोन्स के असंतुलन के चलते है तो इसे 'हरस्युटिज़्म' कहते हैं'।
डॉ इस बात को भी मानती हैं कि हार्मोन में गड़बडी का एक सबसे बड़ा कारण पीसीओडी(पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर) हो सकता है। जो कि आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। हालांकि हर पीसीओडी मरीज के चेहरे पर बाल हो यह जरुरी नहीं है। (भारत में प्रत्येक 5 में 1 महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से प्रभावित, ऐसे करें खुद का बचाव)
पीसीओडी होने का कारण
पीसीओडी होने का सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल होती है। जो कि हमारे खानपान, बॉडी बिल्डिंग के लिए स्टेरॉएड्स का इस्तेमाल, घंटो एक ही अवस्था में बैठे रहना, टेंशन लेना आदि इस बीमारी को बढ़ावा देता है।
क्या कहते है दूसरे डॉक्टर
वहीं बीबीसी से बात करते हुए दिल्ली स्थित मैक्स हेल्थ केयर के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट में प्रमुख डॉक्टर सुजीत झा बताते है कि महिलाओं में भी पुरुषों वाले हार्मोंन कुछ मात्रा में होते हैं। लेकिन जब हार्मोन लेवल बढ़ जाता है तो चेहरे पर बाल आ जाते है।
वहीं डॉ सुजीत इस बात को मानते है कि पीसीओडी ही बाल आने का मुख्य कारण होता है। जिसकी वजह से हार्मोन एसंतुलित हो जाते है। जिन लोगों को वजन ज्यादा होता है उन्हें यह समस्या ज्यादा होती है।
'सबसे पहले तो ये समझने की ज़रूरत है कि बाल आने की वजह क्या है? क्या ये जेनेटिक है या हॉर्मोन की वजह से है। इसके अलावा अगर चेहरे पर बाल अचानक से आ गए हैं तो ये कैंसर का भी लक्षण हो सकता है लेकिन इसकी गुंजाइश बहुत कम होती है'।
क्या आपको याद है हरनाम कौर?
आपको ब्रिटेन में रहने वाली हरनाम कौर का नाम तो याद ही होगा। जो कि पूरी दाढ़ी वाली सबसे कम उम्र की महिला के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। जब हरनाम 16 साल की थीं तब पता चला की उन्हें पॉलिसिस्टिक सिंड्रोम है जिसकी वजह से उनके चेहरे और शरीर में बाल बढ़ने लगे।
शरीर और चेहरे पर अतिरिक्त बालों की वजह से उन्हें अपने स्कूल में दुर्व्यवहार उठाना पड़ा और कई बार तो स्थिति इतनी खराब हो गई उन्होंने सुसाइड करने का भी सोचा। लेकिन अब उन्होंने ख़ुद को इसी रूप में स्वीकार कर लिया है। पिछले कई सालों से उन्होंने अपने चेहरे के बाद नहीं हटवाए।
वो कहती हैं कि वैक्सिंग से त्वचा कटती है, खिंचती है. मेरी त्वचा कई बार ल गई। घाव भी हुए, ऐसे में दाढ़ी बढ़ाना बहुत राहत भरा फ़ैसला था।" हरनाम मानती हैं कि ये सफ़र काफी मुश्किल भरा रहा लेकिन अब वो इससे परेशान नहीं होतीं। बतौर हरनाम मुझे अपनी दाढ़ी से बहुत प्यार है। मैंने अपनी दाढ़ी को एक शख़्सियत दी है। वो किसी पुरुष की नहीं एक महिला की दाढ़ी है।"