नई दिल्ली: तुर्की में हाल में हुए एक शोध ने भारतीय मूत्र रोग विशेषज्ञों के होश ही उड़ा दिए, क्योंकि इस अध्ययन का दावा है कि सप्ताह में कम से कम 'तीन से चार बार' सहवास करने से गुर्दे की पथरी स्वत: ही बाहर निकल जाती है।
भारतीय मूत्र रोग विशेषज्ञों ने भी इस शोध पर सहमति जताते हुए भले ही कहा हो कि सहवास के दौरान निकलने वाला एक महत्वपूर्ण यौगिक और हृदय का स्वास्थ्य छोटी पथरियों के स्वत: बाहर निकलने में मददगार हो सकता है, लेकिन अपने मरीजों को वे नियमित सेक्स करने की सलाह तो नहीं दे सकते।
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मुंबई के नानावती अस्पताल में मूत्र रोग विशेषज्ञ संजय ने आईएएनएस को बताया, "सेक्स के दौरान शरीर में स्वत: ही नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है और उत्तेजना की अवस्था में मूत्रनलिका से बाहर निकलता है, जो बहुत ही सुखद अहसास देने वाला होता है। हालांकि इसे साबित करने के लिए अभी पर्याप्त चिकित्सकीय परीक्षण किए जाने की जरूरत है कि इससे गुर्दे की पथरी स्वत: ही बाहर निकल जाती है।"
गुड़गांव के पारस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक अनुराग खेतान का कहना है, "इस शोध में इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि सेक्स के दौरान निकलने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड मूत्रनलिका की मांसपेशियों को राहत पहुंचाने वाला होता है। अभी जब तक इससे संबंधित अधिक से अधिक आंकड़ें न मिल जाएं, हम मरीजों को उपचार के लिए इसकी राय नहीं दे सकते।"
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