हेल्थ डेस्क: शोधकर्ताओं ने प्रोस्टेट कैंसर के एक नए उपप्रकार की पहचान की है, जो करीब सात फीसदी मरीजों में विकसित होता है। इस उपप्रकार के लक्षण का पता जीन सीडीके12 के नुकसान की वजह से चला है। यह शुरुआती ट्यूमर अवस्था के ट्यूमर की तुलना में आम तौर पर मेटास्टैटिक प्रोस्टेट कैंसर में पाया जाता है।
इस शोध का प्रकाशन सेल नामक पत्रिका में हुआ है। अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोध लेखक अरुल चिन्नायन ने कहा, "प्रोस्टेट कैंसर बहुत ही आम है, इसलिए सात फीसदी काफी संख्या है।"
शोध में कहा गया है कि जिन ट्यूमरों में सीडीके12 निष्क्रिय था, वे प्रतिरक्षा चेकपॉइंट अवरोधकों के प्रति प्रतिक्रिया देते हैं। प्रतिरक्षा चेकपॉइंट अवरोधक इम्यूनोथेरेपी उपचार का एक प्रकार है, जिससे प्रोस्टेट कैंसर में सीमित सफलता मिली है।
चिन्नायन ने कहा, "तथ्य यह है कि इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर इस प्रकार प्रोस्टेट कैंसर के उपप्रकार के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं, जो इसे काफी खास बनाते हैं। यह सीडीके12 परिवर्तन वाले मरीजों के लिए संभावना पैदा करती है और उन्हें इम्यूनोथेरेपी से फायदा हो सकता है।"
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर केवल पुरुषों को होता है, क्योंकि प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में होती है। उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशकों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले भारत सहित पूरे देश में बढ़ रहे हैं। कैंसर का यह प्रकार 60 से अधिक उम्र वाले पुरुषों के प्रोस्टेट ग्रंथि में होने की संभावना अधिक होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की एक ऐसी होती है जो युरेथरा के चारों ओर होती है। अगर इसके लक्षण शुरूआती दौर में पता चल जाये तो इसे गंभीर होने से बचाया जा सकता है।पेशाब करने में समस्या ही प्रोस्टेट कैंसर के प्रमुख लक्षण है। प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने के कारण पेशाब करने में परेशानी होती है। रात में बार-बार पेशाब जाना, अचानक से पेशाब निकल आना, पेशाब रोकने में समस्या, आदि लक्षण प्रोस्टेट कैंसर में दिखाई पड़ते हैं। अगर पेशाब करने में समस्या कई दिनों तक बनी रहे तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें, यह कैंसर हो सकता है।