हेल्थ डेस्क: रक्त में पाए जाने वाला प्लेटलेट मानव शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है और मलेरिया बुखार से बचाता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्लेटलेट से रक्त में संचरित 60 फीसदी मलेरिया परजीवी नष्ट हो जाते हैं। अध्ययन में पाया गया कि मलेरिया से पीड़ित मरीजों के रक्त में स्थित प्लेटलेट में मलेरिया के परजीवी को नष्ट करने की क्षमता होती है। मलेरिया के प्रमुख परजीवी प्लाज्मोडियम फालसिपैरम, पी. मलेरिये और पी. क्नोलेसी हैं जिनसे मानव की मौत हो जाती है।
अध्ययन के मुख्य लेखक और आस्ट्रेलिया संगठन मेंजिज स्कूल ऑफ हेल्थ रिसर्च के डॉक्टोरल पाठ्यक्रम के छात्र स्टीवन खो ने कहा, "यह महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि किसी मानवीय संक्रमण के रोग में प्लेटलेट द्वारा रक्षा किए जाने का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है।" (कंटोला है विश्व की सबसे ताकतवर सब्जी, सेवन करने से कभी पास नहीं आएंगी ये गंभीर बीमारियां)
उन्होंने कहा, "हमने पाया कि प्लेटलेट से क्लीनिकल मलेरिया में करीब 20 फीसदी प्लाज्मोडियम पैरासाइट नष्ट हो जाते हैं और पी. विवाक्स में इसकी दर 60 फीसदी तक हो सकती है।"
यह शोध 'ब्लड' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में 376 लोगों को शामिल किया गया था। ये सभी पापुआ, इंडोनेशिया और मलेशिया के सबाह के निवासी थे। इनमें से कुछ मलेरिया से पीड़ित थे और कुछ लोग पीड़ित नहीं थे।
कितनी होनी चाहिए शरीर में प्लेटलेट्स
खून में प्लेटलेट्स के कम होने का मतलब यह है कि या तो शरीर में ये कम बन रही हैं या फिर ठीक मात्रा में बनने के बावजूद शायद किसी कारण से नष्ट होती जा रही हैं। सामान्यतौर पर तो ये डेंगू या ऐसे ही किसी इन्फेक्शन से नष्ट होती हैं, लेकिन कभी-कभी यह अपने आप में एक बुनियादी बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में प्लेटलेट्स बनती तो पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन बिना किसी अन्य कारण के, यूं ही हमारा शरीर इन्हें साथ-साथ लगातार नष्ट भी करता जाता है। इस बीमारी (इडियोपैथिक थोम्बोसाइटोपीनिया) में प्लेटलेट्स कम होने के बावजूद प्लेटलेट्स देना कोई इलाज नहीं होता। (आखिर महिलाओं को सबसे ज्यादा क्यों होता है एंडोमेट्रियोसिस बीमारी, जानें लक्षण, कारण और इलाज )
एक स्वस्थ इंसान के शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा एक वर्ग मिलीलीटर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ से चार लाख तक होती है। इनका मुख्य कार्य चोट लगने पर खून के जमने की प्रक्रिया को तेज करके ब्लीडिंग को रोकना है।
बोनमैरो में असामान्य कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण जब प्लेटलेट्स बढऩे लगते हैं तो उसे प्राइमरी थ्रोम्बोसाइटोसिस (thrombocytosis) कहते हैं। वहीं जब किसी बीमारी जैसे एनीमिया, कैंसर, सूजन या किसी अन्य कारण से भी प्लेटलेट्स की संख्या बढ जाती है तो उसे सेकंडरी थ्रोम्बोसाइटोसिस कहते हैं।
(इनपुट आईएएनएस)