सहजता से रखें बात
बेटी हो या बेटा माता-पिता को दोनों से ही पीरियड्स की बात करनी चाहिए। यहां बात सहजता और दोस्ताना रूप में करें। यह जरूरी इसलिए है कि बेटी अपने शारीरिक बदलावों से रूबरू होगी। दूसरी ओर बेटे से यह बात करने पर वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेगा।
बेटे को लड़कियों को पीरियड्स होने का वैज्ञानिक तथ्य बताएं और बताएं कि हर महीने लड़कियों को पीरियड होते हैं। इस दौरान लड़कियां मूड स्विंग और दर्द से गुजरती हैं। आप यह इंतजार नहीं करें कि बेटी को पीरियड्स होने पर ही बताएंगी। पहले से वाकिफ होने पर उसे कुछ अटपटा नहीं लगेगा।
साधारणतया पीरियड्स 28 दिन पर होता है, लेकिन शुरू-शुरू में ये कभी-कभी 21 से 45 दिन के अंतर पर भी हो सकता है। यह बात अपनी बेटी को बताएं। ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं कि अगर शरीर में फैट की मात्रा 8 से 12 प्रतिशत से भी नीचे चली जाए, तो पीरियड का होना बंद हो जाता है। दरअसल, फैट की कोशिकाएं एस्ट्रोजन के मुख्य स्रोत होते हैं। शरीर में इसकी कमी हो जाने से पीरियड्स रुक जाती है। अपनी बेटी को यह भी बताएं कि वह इसको लेकर चिंतित न हो।