हेल्थ डेस्क: आपने कभी ये बात सोची है कि नवरात्रों के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? धार्मिक महत्व के साथ-साथ व्रत रखने से शरीर के पाचन तंत्र को आराम मिलने से शरीर का शुद्धिकरण भी हो जाता है। कम कैलरी और कम मसालों वाला भोजन खाने से शरीर को वह अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती जो वह आम दिनों में करता है।
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नवरात्रों के दौरान लोगों के पास खाने की चीजों के बहुत सीमित विकल्प होते हैं, जिनमें बस कुट्टू और सिंघाड़े का आटा शामिल होता है। जो लोग व्रत रख रहे हैं हम उन्हें अत्यधिक मात्रा में तरल आहार लेने की सलाह देते हैं ताकि ऊर्जा बनी रहे और डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।"
इसलिए नवरात्र के व्रत में पिछले साल के बचे हुए कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग न करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है और उसे खाने से डायरिया होने की संभावनता होती है। फल काफी मात्रा में खाएं, लेकिन बर्फी, लड्डू और आलू फ्राई जैसी तली और अत्यधिक चीनी वाली चीजें खाने से दस्त हो सकते हैं।
डायरिया और फूड पॉयजनिंग से बचने के लिए धायन रखें ये बातें
- सिंघाड़े के आटे का प्रयोग करें, सिंघाड़ा अनाज नहीं बल्कि फल होता है जो यह सूखे हुए सिंघाड़ों से बनाया जाता है इसलिए इसे नवरात्रों में अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है। प्रति 100 ग्राम में यह 115 कैलरी देता है इसलिए यह उर्जा का बेहतरीन स्रोत है।
- सिंघाड़े के पौधे को विशेष आकार के फल लगते हैं, जिसके बहुत बड़े बीज होते हैं। यह बीज या मेवे उबाल कर या कच्चे ही स्नैक्स की तरह खाए जा सकते हैं।
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