हेल्थ डेस्क: कैंसर किसी को भी हो सकता है। इसकी कोई उम्र नहीं होती। यह किसी भी उम्र में बच्चों, पुरुषों और महिलाओं को हो सकता है। दर्द, खून बहना, वजन का अचानक कम और बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत होना, ब्लड क्लॉथ्स इसके आम लक्षण हैं। इन लक्षणों के बाद डॉक्टर अपना इलाज शुरू करते हैं लेकिन आप पहले से ही इस बीमारी से लड़ने के लिए अपने शरीर को तैयार कर सकते हैं।
कैंसर पीडित से लोग जीने की चाह कई हद कर खो देते हैं। उन्हें ऐसा लगता है क शायद अब वह नहीं जी सकते हैं। आज नहीं तो कल मौत हो जानी है। कई ऐसे व्यक्ति होते है जो इससे जमकर लड़ते है और जीत जाते है, लेकिन हाल में हुए एक शोध में कुछ अजीब बातें सामने आई।
इस शोध के अनुसार जो लोग प्रोस्टेट, मूत्राशय और गुर्दा के कैंसर के पीड़िते होते है। वह सुसाइड करने की कोशिश सबसे ज्यादा करते है। इन मरीजो को खुदकुशी करने का खतरा पांच गुना अधिक होता है। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक सहित अनुसंधानकर्ताओं के एक नये सर्वेक्षण में इस बात का दावा किया गया है।
उन्होंने अपने विश्लेषण में साथ ही यह दिखाया है कि कैंसर के मरीजों के आत्महत्या करने की आशंका आम लोगों से तीन गुना अधिक होती है। कैंसर का पता चलने और उसके उपचार के दौरान गंभीर मानसिक तनाव इसके प्रमुख कारकों में से एक है।
कैंसर के पांच से 25 प्रतिशत मरीज अवसाद के शिकार हो जाते हैं और कई अन्य पोस्ट- ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर( पीटीएसडी) से प्रभावित हो जाते हैं।