नई दिल्ली: आज पूरे विश्व के साथ भारतीयों में भी कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहा है। इस रोग से महिलाएं भी अछूती नहीं है। महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसरों में पहले पायदान पर ब्रेस्ट कैंसर, दूसरे पर सर्वाइकल कैंसर और तीसरे नंबर पर ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर आता है।
आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर आठवां सबसे आम कैंसर है। मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है। जानें ओवेरियन कैंसर क्या है, लक्षण, कारण और इसका ट्रीटमेंट।
क्या है ओवेरियन कैंसर?
ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर में यूटेरस यानी अंडाशय कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाती हैं। यूटेरस कैंसर होने पर गर्भधारण में समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं ओवरियरन कैंसर में गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगती हैं।
डिंबग्रंथि कैंसर से मतलब है कि अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास। डिंबग्रंथि का कैंसर अधिकांशत: अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है। सबसे आम तरह के डिंबग्रंथि कैंसर को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी) कहा जाता है। इसके अन्य प्रकार हैं- ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी), जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर। (जानें आखिर क्या है दूध पीने का सही समय, जिससे मिलेंगे बेहतरीन लाभ)
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
- पैल्विस या कमर में दर्द
- शरीर के निचले हिस्से में दर्द
- पेट और पीठ में दर्द
- अपच
- कम खाकर ही पेट भरा होने की फीलिंग
- बार-बार यूरिन आना।
- यौन क्रिया के दौरान दर्द
- मल त्याग की आदतों में बदलाव।
जरुर नहीं है कि यह लक्षण दिखें तो वह ओवेरियन कैंसर ही हो। इसकी सत्यता के लिए टेस्ट कराएं। जिससे सही बात निकल कर सामने आएं। (फैटी लिवर होने का सबसे बड़ा कारण आया सामने, जानें डाक्टर्स की राय)
ओवेरियन कैंसर होने के बड़े कारण
ओवेरियन कैंसर अनुवांशिक भी हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को हो चुका है तो हो सकता है आप भी इसके शिकार हो जाए।
उम्र
ओवेरियन कैंसर होने की कोई उम्र नहीं होती है लेकिन जिन महिलाओं को मोनोपॉज हो चुका है उन्हें इस चीज का खतरा सबसे अधिक होता है। पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी का उपयोग करने से जोखिम और बढ़ सकता है।
मोटापा
ओवेरियन कैंसर होने का एक बड़ा कारण मोटापा भी हो सकता है। मोटी महिलाएं इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आकर सबसे ज्यादा मौत का शिकार होती है।
ओवेरियन कैंसर के टेस्ट
अगर किसी महिला को इसके लक्षण न दिखें तो इसका कोई सिंपल और विश्वसनीय तरीका नहीं है। हालांकि, नियमित रूप से स्त्री रोग संबंधी परीक्षा के दौरान डिम्बग्रंथि के कैंसर के स्क्रीनिंग के 2 तरीके हैं। पहला ब्लड टेस्ट के द्वारा और दूसरा ओवरी का अल्ट्रासाउंड करके।
ओवेरियन कैंसर का ट्रीटमेंट
इस कैंसर को कीमोथेरेपी या फिर ओवरी की सर्जरी करके निजात पाया जा सकता है।