नई दिल्ली: बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कई ऐसी बीमारी है जो उम्र नहीं देखती और यह किसी भी एज में हो सकती है। बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों में रहने वाली महिलाओं को यह बीमारी आसानी से अपनी गिरफ्त में ले लेती है। आज हम बात करेंगे ओवेरियन सिस्ट की। छोटी बच्चियों से लेकर लड़की और औरतों तक यह बीमारी आजकल बढ़ती जा रही है। आज हम बात करेंगे ओवेरियन सिस्ट की। ओवरी महिलाओं के गर्भाशय के दोनों तरफ होता है। ये अंडे के साथ ही हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन सिक्रेट करता है।
ओवरियन सिस्ट क्या है?
औरतों के दो ओवरी होते हैं। जब किसी एक ओवरी में द्रव से भरी हुई थैली उत्पन्न हो जाती है उसे सिस्ट कहते हैं। माना जाता है कि ज्यादातर महिलाओं को उनके जीवनकाल में कम से कम एक बार सिस्ट का विकास होता है।ओवेरियन सिस्ट के प्रकार
फॉलिकल सिस्ट
कार्पस लुटियन सिस्ट
डरमोईड सिस्ट
सिस्टाडेनोमास सिस्ट
एंडोमेटियमोमास सिस्ट
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
क्या है ओवरी कैंसर
महिला की ओवरी कई तरह की कोशिकाओं से निर्मित होती है। गर्भाश्य के आस-पास मौजूद दो छोटे अंगों को ओवरी या अंडाशय कहते हैं। यह महिला के प्रजनन अंग का एक हिस्सा है, जिसकी मदद से ही महिला गर्भधारण करने में सक्षम होती हैं लेकिन जब ओवरी में किसी तरह का विकार या घाव हो जाए तो कैंसर की शुरुआत होनी शुरू हो जाती है।
किन महिलाओं को है ज्यादा खतरा
जिस किसी परिवार में या फिर किसी करीबी रिश्तेदार में यह बीमारी हुई हो उन में इस बीमारी के चांस ज्यादा होते हैं।
40 साल की उम्र से पहले स्तन कैंसर होने पर ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
इन्फर्टिलिटी का लंबा ट्रीटमेंट चलने से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
50 साल की उम्र की महिला को होने के अधिकतर चांस होते हैं।
जिन महिलाओं को बच्चा नहीं होता।
जो महिलाएं हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराती है। उनमें भी इस बीमारी के लक्षण देखे जा सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस का निदान कराने वाली महिलाएं भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकती हैं।(आंत में हो सकती है ये गंभीर बीमारी, पेट में होने वाले इस तरह के दर्द को न करें इग्नोर)
ओवरी कैंसर के लक्षण
कैंसर के लक्षण सामान्य होते हैं, इसलिए सामान्यता महिलाएं इसे नजरअंदाज कर देती हैं जबकि इसका पता मात्र अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है। हर साल डॉक्टर से पेल्विक जांच कराना जरूरी है।(किडनी में है पथरी तो शरीर में दिखेंगे ये बदलाव)
महिलाओं के पेट में या फिर योनि में दर्द रहना और पेट में मरोड़, गैस, सूजन रहना।
मासिक धर्म में लगातार परिवर्तन रहना।
किसी भी तरह का खाना अच्छा न लगना।
बाथरूम ज्यादा बार आना।
हर समय थके-थके रहना और पीठ में दर्द रहना।
बार-बार पेट खराब होना या फिर कब्ज की समस्या होना।
अचानक वजन का कम होना या बढ़ जाना।
पीरियड्स न होने पर भी योनि से खून बहना।(पीरियड्स नॉर्मल नहीं है तो शरीर में हो सकते हैं ये बदलाव)
ओवेरियन कैंसर से बचने के तरीके
इस से बचने के लिए महिलाओं को रक्त कैल्शियम का टेस्ट कराते रहना चाहिए।
महिलाओं को ट्यूबल लिगेशन और हिस्टेरेकटॉमी कराने से बचना चाहिए।
गर्भनिरोधक गोलियों को नहीं खाना चाहिए।
अपने मोटापे पर कंट्रोल और रोजानां व्यायाम करना चाहिए।
याद रखें ये बातें
ओवरी कैंसर के बारे में तब पता चलता है जब वह काफी आगे बढ़ चुका होता है। लेकिन अगर महिलाएं समय-समय पर चेकअप करवाती रहें तो समय रहते इस गंभीर बीमारी का इलाज शुरू किया जा सकता है।