Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों के टूटने की संभावना होती है अधिक, जानिए कैसे

ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों के टूटने की संभावना होती है अधिक, जानिए कैसे

बुजुर्गो या उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस एक आम समस्या है, जिससे उनके टूटने/ फ्रैक्च र की संभावना बढ़ जाती है। विशेष रूप से कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कलाई की हड्डी में फ्रैक्च र की संभावना अधिक होती है। 

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : October 19, 2018 12:27 IST
ऑस्टियोपोरोसिस 
ऑस्टियोपोरोसिस 

नई दिल्ली: बुजुर्गो या उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस एक आम समस्या है, जिससे उनके टूटने/ फ्रैक्च र की संभावना बढ़ जाती है। विशेष रूप से कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कलाई की हड्डी में फ्रैक्च र की संभावना अधिक होती है। ऐसी स्थिति में जरा सी चोट लगने या कहीं टकराने पर भी हड्डी टूट जाती है। जेपी हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक्स विभाग के चिकित्सक डॉ. अभिषेक कुमार का कहना है कि ऑस्टियोपोसिस के कारण हड्डी टूटने की संभावना 50 फीसदी लोगों में होती है, जबकि स्तन कैंसर की संभावना 9 फीसदी लोगों में तथा दिल की बीमारियों की संभावना 31 फीसदी लोगों में होती हैं। ऑस्टियोपोसिस के कारण हड्डी टूटना एक बड़ी समस्या है, जो अक्सर उम्र बढ़ने के साथ होती है।

ऑस्टियोपोसिस के लक्षण के बारे में बताते हुए डॉ. अभिषेक कुमार ने कहा, "पीठ में दर्द, जो अक्सर वर्टेबरा में खराबी या फ्रैक्च र के कारण होता है। समय के साथ उंचाई कम होना, पीठ में झुकाव, जिससे हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है।" 

ऑस्टियोपोरोसिस के कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "ऐसी कई दवाएं हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है। जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉयड, एंटी-डीप्रेसेन्ट, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटी-कॉन्वलसेंट आदि। इसलिए इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की निगरानी में ही करना चाहिए। इसके अलावा स्ट्रोक, हाइपरथॉयराइडिज्म,  रोग के लिए ली जाने वाली दवाओं से भी ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना बढ़ जाती है।" 

उन्होंने कहा, "साथ ही जिस व्यक्ति में पहले कभी हड्डी टूटी हो, भविष्य में उसमें ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्च र की संभावना अधिक होती है। डिप्रेशन भी कभी कभी ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है। क्योंकि डिप्रेशन से एक हॉर्मोन कॉर्टिसोल बनता है, जो हड्डियों से मिनरल्स को सोख कर उन्हें कमजोर बनाता है।"

डॉ. अभिषेक कुमार ने सुझाव देते हुए कहा, "व्यायाम करें क्योंकि व्यायाम जैसे सैर करने, योगा आदि से न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि शरीर में कैल्शियम का संतुलन भी बना रहता है। लेकिन अगर आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो जॉगिंग, ट्रेडमिल और टेनिस जैसे व्यायाम आपके लिए सुरक्षित नहीं हैं।" 

उन्होंने कहा कि इसके साथ अपने लिए सही फुटवियर चुनें, कम हील वाले, रबड़ सोल से युक्त, सही फिटिंग वाले फुटवियर पहनें। अगर आपको आर्थराइटिस जैसी समस्या है तो चलते समय आप छड़ी या डिवाइस का सहारा ले सकते हैं। 80 वर्षीय धूम्रपान करने वालों की हड्डियों में मिनरल डेंसिटी 10 फीसदी कम होती है, जिससे उनमें स्पाइनल फ्रैक्च र की संभावना दोगुनी हो जाती है, इसी तरह हिप फ्रैक्च र की संभावना भी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। साथ ही धूम्रपान करने वाले में टूटी हड्डी ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।

उन्होंने कहा, "इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। मरीज को रोजाना 1200 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। एक व्यक्ति को 700 मिलीग्राम कैल्शियम अपने आहार से मिल जाता है। इसलिए 500 मिलीग्राम कैल्शियम सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है। डेयरी उत्पादों जैसे दूध, चीज, योगर्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रॉकली, सॉफ्ट बोन फिश जैसे टिन्ड सालमन और ट्यूना में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है।" 

डॉ. अभिषेक ने कहा, " विटामिन डी भी बहुत जरूरी है, यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। फोर्टीफाईड आहार, नमकीन पानी में रहने वाली मछली और लिवर में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। हालांकि विटामिन डी के लिए हमें आहार पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं, यह धूप के सेवन से भी शरीर में खुद ही बन जाता हैं।"

ऑस्टियोपोरोसिस पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है। लेकिन महिलाओं में मीनोपॉज के बाद इसकी संभावना अधिक होती है। ऑस्टियोपोरोसिस अक्सर 55 साल के बाद महिलाओं को होता है। हालांकि पुरुषों में 65 साल की उम्र के बाद इसकी संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस उम्र के बाद हड्डियों का डेक्सा स्कैन कराना चाहिए। इसमें टी-स्कोर के द्वारा मरीज की हड्डियों की डेनसिटी की जांच की जाती है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement