हेल्थ डेस्क: जब भी हम ज्यादा थक जाते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सोना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है 60 फीसदी भारतीय मानते हैं कि सोने से ज्यादा व्यायाम सेहत को प्रभावित करता है। हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि भारतीय सोने के बारे में क्या सोचते हैं।
क्या कहती है रिसर्च
फिलिप्स इंडिया द्वारा एक सर्वे किया गया जिसमें पाया गया कि 19 फीसदी लोगों का मानना था कि शिफ्ट में काम करने के लिए उनके ना सिर्फ सोने का समय बिगड़ता है बल्कि काम का बोझ उनकी नींद में सबसे बड़ी बाधा भर है। वहीं 32 फीसदी मानते हैं कि तकनीक उनको नींद को खराब करने का सबसे बड़ा कारण है। वहीं 45 फीसदी का कहना हैं कि वे बेहतर नींद के लिए मेडिटेशन करते हैं। 24 फीसदी भारतीय ऐसे भी हैं जो अच्छी नींद के लिए अच्छे बिस्तर का होना जरूरी मानते हैं।क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फिलिप्स इंडिया के स्लीप और रेस्पिरेट्री केयर के हेड हरीश आर का कहना है कि स्लिपिंग डिस्ऑर्डर एक गंभीर समस्या है। यहां तक की सही से नींद पूरी ना होने के कारण इससे कई गंभीर समस्याओं जैसे कार्डियोवस्कुलर डिजीज़, डायबिटीज और स्ट्रोक तक होने का खतरा हो सकता है।
रिसर्च के नतीजे
वे आगे कहते हैं कि देश में खर्राटों का मतलब गहरी नींद से लिया जाता है लेकिन लोगों को ये जागरूक करना बेहद जरूरी है कि ये एक स्लीप डिस्ऑर्डर है। ये रिसर्च बताती है कि लोगों में थोडी सी जागरूकता और पहल करने से वे नींद से होने वाले हेल्थ के इफेक्ट को समझ सकते हैं। वर्ल्ड स्लीप डे पर की गई इस रिसर्च में बताया गया कि कैसे लोग नींद को नजरअंदाज कर घंटों काम करते है और उसका उनकी हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इन देशों को किया गया शामिल
फिलिप्स एनुअल ग्लोबल सर्वे में 13 देशों से 15000 व्यस्क लोगों को शामिल किया गया। इन देशों में थे- इंडिया, यूएस, यूके, जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया, अर्जेटीना, मैक्सिको, ब्राजील और जापान।