3. दोपहर में कुछ ना खाकर सीधे रात में भोजन करना आपकी कैलोरी को घटा देता है। पर भूख और तृप्ति का एहसास कराने वाले ग्रलिन और लैप्टिन हार्मोन तभी ढंग से काम करते हैं जब हम हर चार घंटे बाद कुछ न कुछ खाएं। 2015 में हुए एक शोध में चूहों के खाने में लंबे अंतराल रखने पर उनमें तृप्ति का एहसास कराने वाले ग्रलिन हॉर्मोन के स्तर में कमी देखने को मिली। जिससे उन्होंने बाद में पहले से अधिक खाया।
4. हर व्यक्ति की डाइट अलग होती है। बिना जाने कोई भी डाइट अपनाने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता। लंबे समय तक सूप व सलाद पर आधारित क्रेश डाइट अपनाने से शुरुआत में वजन कम होता है, पर ये स्थायी नहीं रह पाता। डाइट में से पूरी तरह प्रोटीन यानी अंडा, दूध, पनीर और मुर्गी उत्पादों को हटाने से कमजोरी महसूस होती है, मांसपेशियों में अनियमितता आती है, बाल व नाखून टूटते हैं, असमय बुढ़ापा नजर आने लगता है। पोषण व जेब दोनों के अनुकूल डाइट ही स्थायी रह पाती है। हफ्ते में एक दिन कुछ मनपसंद भी खाएं।
5. ब्रिटेन में हुए एक शोध में दावा किया है कि लाल मिर्च शरीर में व्याप्त अवांछित कैलोरी जलाने एवं मोटापा घटाने में मददगार साबित हो सकता है। शोध का नेतृत्व करने वाले पड्र्यू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड मैट्स ने बताया कि मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन तत्व, जो मिर्च को गर्मी देता है, भूख कम कर सकता है और कैलॉरी को जलाते हुए ऊर्जा की खपत बढ़ा सकता है। शोध में लाल मिर्च के मसाले की मात्रा की भी चर्चा की गई है। इसके अनुसार एक ग्राम या आधा चम्मच लाल मिर्च का पाउडर बहुत से लोगों के लिए स्वीकार्य है। शोध में सामान्यत: सूखी लाल मिर्च को शामिल किया गया।