शरीर को समझें
वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा लिखती हैं कि , 'जीन के कारण शरीर के मेटाबॉलिज्म, संरचना व भावनात्मक प्रतिक्रिया पर असर पड़ता है, पर यह भूमिका केवल 30% होती है। दृढ़ इच्छाशक्ति, सही डाइट व उचित व्यायाम का चुनाव करके वजन कम किया जा सकता है।' डॉ. माधुरी कहती हैं, 'जब सही तरीके से वजन कम करते हैं तो सबसे अधिक वसा कम होती है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पर लंबे समय तक लो कैलोरी डाइट से मांसपेशियों का द्रव्यमान तो कम होता ही है, वसा का स्तर भी बढ़ता है। पर्याप्त पोषण के अभाव में कमजोरी व थकावट होती है। शरीर का आकार बिगड़ने लगता है। साथ ही वसा व शरीर के आपसी तालमेल में भी गड़बड़ी उत्पन्न होती है।'
वजन कम न होने की वजह
1. शुरुआत में लोग जब पतले होने के लिए व्यायाम अधिक करते हैं और खाते कम हैं। नतीजा यह निकलता है कि शुरुआत के दो हफ्ते बाद ही शेड्यूल पर कायम नहीं रह पाते। पर्याप्त डाइट के अभाव में मेटाबॉलिक रेट कम होने लगती है। शुरू में तो वजन कम होता है, पर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। डॉ. कहते हैं कि, शुरुआत आसान व्यायाम से करें। कई तरह के व्यायाम करें, एरोबिक व्यायाम, स्टेमिना बढ़ाने वाले व्यायाम और क्रॉस ट्रेनिंग। कार्डियो और और वेट ट्रेनिंग दोनों में संतुलन बनाएं। कम से कम सप्ताह में तीन बार वेट ट्रेनिंग करें और नियमित 20 मिनट कार्डियो व्यायाम करें।
2. जब आप भोजन से पूरी तरह वसा यानी चिकनाईयुक्त पदार्थ हटाते हैं तो, आपको बार-बार भूख लगती है। वसा में मौजूद विटामिन ए, डी व कैल्शियम शरीर को नहीं मिल पाते। इसी तरह पूरी तरह ग्लूटन फ्री डाइट यानी गेंहू, जौ व साबुत अनाज न खाना शरीर में फोलेट व फाइबर तत्वों की कमी करता है। इसलिए अनाज को भी डाइट में जरूर शामिल करें।
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