नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्र के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? व्रत रखने से शरीर के पाचनतंत्र को आराम मिलता है और शरीर का शुद्धिकरण भी हो जाता है। मगर इन दिनों फूड पॉयजनिंग की आशंका भी रहती है। कम कैलोरी और कम मसालों वाला भोजन खाने से शरीर को वह अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती जो वह आम दिनों में करता है। लेकिन जब व्रत के दिनों में आलू और कट्टू के पकौड़े जैसी तली और वसायुक्त चीजें खाते हैं तो व्रत का मकसद ही खत्म हो जाता है। इसलिए हमें व्रत के समय हल्का भोजन करना चाहिए। इससे हमारें शरीर को शक्ति भी मिलती है साथ ही कोई बीमारी भी नही होती है।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव डॉ के.के. अग्रवाल ने बताया, "नवरात्रों के दौरान लोगों के पास खाने की चीजों के बहुत सीमित विकल्प होते हैं, जिनमें बस कुट्टू और सिंघाड़े का आटा शामिल होता है। जो लोग व्रत रख रहे हैं, हम उन्हें अत्यधिक मात्रा में तरल आहार लेने की सलाह देते हैं, ताकि ऊर्जा बनी रहे और डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।"
उन्होंने कहा कि पिछले साल के बचे हुए कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग न करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है और उसे खाने से डायरिया होने की संभावना होती है। फल काफी मात्रा में खाएं, लेकिन बर्फी, लड्डू और आलू फ्राई जैसी तली और अत्यधिक चीनी वाली चीजें खाने से दस्त हो सकते हैं।
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