नवरात्र शुरू हो चुके है। हर कोई अपनी श्रृद्धा के अनुसार पूरे 9 दिन व्रत या फिर पहला और आखिरी रखता है। नवरात्र से सिर्फ मन की शांति ही नहीं मिलती बल्कि शारीरिक रुप से भी कई फायदे है। आर्युवेद के अनुसार माना जाता है कि व्रत रखने से शरीर के विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते है। आर्युवेद में ये भी बताया गया कि किसी भी व्यक्ति को सप्ताह में 2-3 व्रत रखना चाहिए। लेकिन अगर आप कई बीमारियों से ग्रस्त है तो व्रत करने से पहले आपको थोड़ा सोचना चाहिए। साथ ही अगर आप व्रत रह रहे है और आपको इनमें से कोई भी समस्या होती है तो कोशिश करें कि तुरंत व्रत खोल लें।
आर्युवेद के अनुसार, जब आप व्रत रहते हैं तो आपका पाचन तंत्र आराम कर रहा होता है। इसलिए इस का पूरा ध्यान रखें कि पाचन अग्नि में ज्यादा प्रेशर न पड़े।
पेट में जलन या फिर दर्द
अगर आपको व्रत के दौरान गैस्ट्राइटस की समस्या हो रही है। जिसके कारण पेट में जलन और दर्द है। ऐसी समस्या में तुरंत व्रत तोड़ दें क्योंकि इसके कारण आपके पेट में सूजन आ जाती है।
बेहोशी आना
अगर आपको बेहोशी या फिर उल्टी हो रही है तो समझ लें कि आपके शरीर में ग्लूकोज की कमी है। ऐसे में तुंरत व्रत तोड़ दें। इसके अलावा आप अगर व्रत नहीं तोड़ना चाहते है तो अधिक मात्रा में जूस का सेवन करें। इसमें नेचुरल तरीके का ग्लूरकोज आपके शरीर में पहुंचता रहेगा।
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डायरिया
गलत खानपान और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण डायरिया जैसी समस्या हो जाती है। व्रत के दौरान फलों का अधिक सेवन करने से यह रोग हो सकता है। अगर आपको सांस संबधी कोई समस्या है तो ठंडी तासीर वाले फल खाने से बचे। इसके साथ ही इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। इसलिए हर संकेत का ध्यान रखकर ही व्रत रखें।
पीरियड्स
पीरियड्स के दौरान शारीरिक शक्ति नार्मल दिनों के मुकाबले काफी कम होती है। इस कारण इन दिनों में व्रत न रखें तो ज्यादा बेहतर है। अगर आप व्रत रखेंगी तो आपको खुद का थोड़ा अधिक ध्यान रखना होगा।