हेल्थ डेस्क: मिल्कमैन ऑफ इंडिया, 'फादर ऑफ व्हाइट रिवॉल्यूशन इन इंडिया जैसे कुछ नामों से डॉ. वर्गिस कुरियन तो जाना जाता है। यह एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने भारत का भविष्य के बारें में सोचकर किया। जिसके कारण भारत दुनिया का सबसे ज्यादा दूध उत्पाद करने वाला देश बन गया। जिसके साथ ही डॉ कुरियन के जन्मदिन 26 नवंबर को National Milk Day के रुप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि डॉ कुरियन अमूल ब्रांड के संस्थापक और नेशनल डेयरी डवलमेंट बोर्ड के संस्थापक भी थे।
अब बात डॉ कुरियन की हो रही है और अमूल गर्ल की न हो। ऐसा तो ही ही नहीं सकता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि अमूल गर्ल जो अपनी रचनात्मक, बेबाक बोल और जो चुटकुले सुनाती है। वो आज की नहीं बल्कि बहुत ही पुराना चेहरा है। यह इतनी ज्यादा फेमस है कि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में ही इसका अलग ही क्रेज है। तो चलिए जानिए इस चेहरा के आने के पीछे की कहानी। (भूलकर भी लेटते समय दिमाग में न लाएं ये चीजें, नहीं तो हो सकते है अनिद्रा के शिकार )
ये है अमूल गर्ल की कहानी
आप सोच रहे होगे कि अमूल गर्ल कब आईं। तो आपका जवाब होगा शायद 20-30 साल, लेकिन आपको बता दें कि अमूल गर्ल पूरे 52 साल की हो चुकी है। इस गर्ल ने लोगों को भरोसा इतना ज्यादा जीत लिया है कि साल 2012 में डॉ कुरियन का निधन होने के बाद भी यह एड का सबसे दिलचस्प चेहरा बन चुका है। (फूड्स जो आपके नर्वस सिस्टम और दिमाग को स्वस्थ रखने में करते हैं मदद )
अब बात करते है कि ये कैसे आईं। साल 1966 में अमूल बटर को मार्केट में बिकते-बिकते पूरे 10 साल हो गए थे। लेकिन उस समय डेयरी प्रोड्क्ट बेचने वाली कंपनी 'पॉल्सन गर्ल' बहुत ही ज्यादा फेमस थी। ऐसे में डॉ कुरियन खुद के प्रोडक्ट को कैसे पीछे रहने दे सकते थे। जिसके बाद अमूल कपंनी ने एड बनाने वाली एक एजेंसी एडवपटाइजिंग एंड सेल्स प्रमोशन (ASP) के साथ एक बैठक की। जिसके बाद एजेंसी ने आर्ट डारेक्टर यूस्टस फर्नांडिस से अमूल का एक मस्कट तैयार करने को कहा। साथ ही यह बोला गया कि ऐसा बनाना जो कि हाउस वाइफ को सबसे ज्यादा पसंद आएं।
ऐसे में अमूल गर्ल का आना बहुत ही जरुर हो गया। ASP एजेंसी के प्रमुख सिल्वेस्टर दाकुन्हा और यूस्टस फार्नांडिस ने अमूल गर्ल की रचना की। इस अमूल गर्ल को सबसे पहले मुंबई की बसों में पेंटिंग के रुप में लगाया गया। जिसके बाद साल 1966 में अमूल गर्ल का पहला विज्ञापन आया। जो कि 'थ्रबेड' नाम से था। लेकिन तब से आज के समय में थीम तो वहीं है लेकिन अमूल गर्ल में काफी बदलाव आए है।
विज्ञापन में इस तरह आईं तेजी
अब सबसे बड़ी समस्या है कि अगर दर्शकों को बांधकर रखना है तो अधिक से अधिक बार ये विज्ञापन दिखाया जाना चाहिए। ऐसे में 90 के दशक में सिल्वेस्टर दाकुन्हा के बेटे राहुल ने 90 के दशक में अपने पिता को ज्वॉइन किया। अब यह कंपनी हर हफ्ते चार से पांच दिन विज्ञापन शेयर करती है।