हेल्थ डेस्क: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं के पैदा होने वाले बच्चों में ऑटिज्म विकसित होने की अधिक आशंका रहती है। एक नए अध्ययन के अनुसार, पीसीओएस उच्च टेस्टोस्टेरोन की वजह से होने वाला एक विकार है, जिसके परिणामस्वरूप समय से पहले युवावस्था, अनियमित माहवारी और शरीर पर अतिरिक्त बाल होने लगते हैं।
पिछले अध्ययनों से पता चला था कि ऑटिस्टिक बच्चों में टेस्टोस्टेरोन समेत 'सेक्स स्टीरॉयड' हार्मोन के स्तर बढ़ जाते हैं जो बच्चे के शरीर और मस्तिष्क को समय से पहले ही युवावस्था की ओर जाने लगते हैं।
हार्मोन के बढ़ते स्तर पर बहस करते हुए शोध दल ने पाया कि इसका एक कारण जन्म देने वाली मां का विकार हो सकता है।
निष्कर्ष बताते हैं कि अगर मां में सामान्य से अधिक टेस्टोस्टेरोन होता है, जैसा कि पीसीओएस वाली महिलाओं के मामले में देखा जाता है, तो कुछ हार्मोन गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा को पार कर जाते हैं जिससे भ्रूण का इस हार्मोन से अधिक संपर्क हो जाता है और बच्चे के मस्तिष्क का विकास बदल जाता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से एड्रियाना चेरस्कोव बताती हैं, "यह निष्कर्ष उस सिद्धांत को और मजबूत करता है, जिसमें बताया गया है कि ऑटिज्म न केवल जीनों के कारण होता है, बल्कि इसका टेस्टोस्टेरोन जैसे जन्मपूर्व सेक्स हार्मोन भी कारण हो सकते हैं।"
इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने पीसीओएस पीड़ित 8,588 महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया था।
शोध 'ट्रांसलेशनल साइक्रियाट्री' में प्रकाशित हुआ है।
क्या है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) फीमेल हार्मोन्स जैसे- एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन महिलाओं में ओव्यूलेशन (अंडे बनने की प्रक्रिया) में मदद करते हैं जिससे गर्भाधारण में परेशानी नहीं होती और साथ ही मासिक धर्म चक्र को भी नियमित करते हैं। महिलाओं की ओवरी कुछ मात्रा में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का भी उत्पादन करती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल डिसऑर्डर से पैदा होने वाली बीमारी है जिसमें पुरुष हार्मोन का स्तर महिलाओं के हार्मोन की तुलना में बढ़ जाता है। यह बीमारी महिलाओं को आमतौर पर 15 से 44 साल की उम्र के बीच में हो सकती है।
(इनपुट आईएएनएस)