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पत्तागोभी खाने से बच्ची के दिमाग में पहुंचे 100 से ज्यादा कीड़े के अंडे, इन लक्षणों को न करें इग्नोर

दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामना आया जब 8 साल की बच्ची में के दिमाग में टेपवर्म के 100 से भी ज्यादा अंडे पाएं गए। हो गए न हैरान कि ऐसा कैसा हो सकता है तो हम आपको बताते है। साथ ही जानें कैसे आप करे खुद का बचाव।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 29, 2018 12:37 IST
Cabbage- India TV Hindi
Image Source : PINTEREST Cabbage

हेल्थ डेस्क: ये सच है कि सब्जियां हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसका सेवन कर कई बीमारियों से निजात पाया जा सकता है। लेकिन अगर इनका सेवन सावधानीपूर्वक नहीं किया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामना आया जब 8 साल की बच्ची में के दिमाग में टेपवर्म के 100 से भी ज्यादा अंडे पाएं गए। हो गए न हैरान कि ऐसा कैसा हो सकता है तो हम आपको बताते है। साथ ही जानें कैसे आप करे खुद का बचाव।

बीबीसी की रिपोर्ट अनुसार गुरुग्राम में रहनी वाली एक 8 साल की बच्ची को कुछ महीनों से अधिक सिरदर्द होता था। कई बार इतना ज्यादा दर्द बढ़ जाता था कि उसे दौरे भी पड़ने लगे। ऐसे में उसे उसके पेरेट्स ने फोर्टिस हॉस्पिटल में दिखाया। (कहीं आप बार-बार एक ही गाना तो नहीं सुनते, तो आपको हो सकता है म्यूजिकल पैरालिसिस)

ऐसे पता चला कि बच्चों को है न्यूरोसिस्टीसरकोसिस

शुरुआती चेकअप में पता चला कि इसे मस्तिष्क में कुछ गांठे मौजूद हैं। इन लक्षणों के देखते हुए डॉक्टर ने उस बच्ची को न्यूरोसिस्टीसरकोसिस नामक बीमारी का शिकार बताया। इसके बाद सूजन और दर्द को कम करने की दवा दे दिया। (बारिश के मौसम में तेजी से फैलती है ये बीमारियां, इन घरेलू उपाय से पाएं तुरंत निजात)

दिनों-दिन बढ़ता गया सिरदर्द और दौरा

दवाएं लेने के बाद भी उस बच्ची को थोड़ा सा भी आराम न मिला। उसका सिरदर्द और दौरे दिनों-दिन बढ़ते जा रहे थे। हाल ये हो गया कि उसे सांस लेने में भी समस्या होने लगी। इसके साथ ही बच्ची का वजन 40 किलो से 60 किलो हो गया। जिसके कारण चलने-फिरने में भी समस्या होने लगी। (बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन से चाहिए हमेशा के लिए निजात तो अपनाएं ये उपाय, तुंरत मिलेगा फायदा)

दिमाग में मिले 100 से ज्यादा अंडे

फोर्टिस अस्पताल में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि हमने बच्ची की ऐसी हालत देखकर हमने सीटी स्कैन किया। जिसमें सफेद धब्बे दिमाग में नजर आएं। यह धब्बे कुछ और नहीं बल्कि टेपवर्म के अंडे थे। जो कि 1-2 नहीं बल्कि 100 से भी ज्यादा थे।

फिलहाल अंडो को खत्म करने वाली पहली खुराक बच्ची को दे दी गई है, लेकिन अभी सारे अंडे खत्म नहीं हुए है। यह अंडे लगातार बढ़ते रहते है। जो कि सूजन का कारण बनता है।

Tepeworm
Tepeworm

ऐसे पहुंचे दिमाग में

अब सबसे बड़ी बात कि आखिर ये अंडे दिमाग में कैसे पहुंचे। इस बारें में डॉक्टर ने बताया कि कोई भी चीज अधपकी रह जाए तो उसे खाने से साफ-सफाई नहीं रखने पर टेपवर्म पेट पह पहुंच जाते है। जिसके बाद ब्लड सर्कुलेशन से यह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाते है।

टेपवर्म या फीताकृमि है क्या?

टेपवर्म एक तरह का पैरासाइट है। ये अपने पोषण के लिए दूसरों पर आश्रित रहने वाला जीव है.।इसलिए ये शरीर के अंदर पाया जाता है, ताकि उसे खाना मिल सके। इसमें रीढ़ की हड्डी नहीं होती है।

इसकी 5000 से ज़्यादा प्रजातियां पाई जाती हैंय़ ये एक मिमी से 15 मीटर तक लंबे हो सकते हैं। कई बार इसका सिर्फ़ एक ही आश्रय होता है तो कई बार एक से अधिक। इसका शरीर खंडों में बंटा होता है।

इसके शरीर में हुक के जैसी संरचनाएं होती हैं जिससे ये अपने आश्रयदाता के अंग से चिपका रहता है। शरीर पर मौजूद क्यूटिकिल की मदद से यह अपना भोजन लेता है। यह पचा-पचाया भोजन ही लेते हैं क्योंकि इनमें पाचन-तंत्र नहीं होता है।

Cabbage
Cabbage

ऐसे करें खुद का बचाव

बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार टेपवर्म एक बार शरीर में पहुंच जाए तो इससे दवा की मदद से ही छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इसके संक्रमण से बचा जा सकता है।

  • किसी भी किस्म के मांस को बिना अच्छी तरह पकाए न खाएं।
  • फल-सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह धो लें।
  • खाना खाने से पहले हाथ ज़रूर धोएं। शौच के बाद हाथों और नाखूनों को अच्छी तरह साफ़ करें।
  • हमेशा साफ़ पानी ही पिएं।
  • मवेशियों के सीधे संपर्क से बचें या उस दौरान विशेष सावधानी रखें।
  • मानसून के मौसम में हरी सब्जियां खाने से बचे।
  • पत्ता-गोभी, पालक को अगर अच्छी तरह पकाकर नहीं बनाया जाए तो भी टेपवर्म शरीर में पहुंच सकता है। इसलिए अच्छे से पकाकर खाएं।

टेपकर्म के लक्षण

इसका कोई सटिक लक्षण नहीं होता है। अगर ये आपके शरीर में है तो शौच के दौरान पता चल जाता है। इसके अलावा आपको डायरिया, पेटदर्द, कमजोरी, सिरदर्द, अनियमित भूख आदि मुख्य लक्षण है।

अगर शरीर में टेपवर्म की संख्या या अंडे ज्यादा है तो ऐसे में चक्कर आना, स्किन का पीलापन, सांस फूलना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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