Monday, November 25, 2024
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पीरियड्स को लेकर Miss World मानुषी छिल्लर बोली, 'अब चुप्पी तोड़ने का आ गया है वक्त'

मानुषी ने कहा कि 21वीं सदी में रहने के बावजूद महिलाएं इस बारे में बात करने झिझकती हैं। ऐसे में वह पीरियड्स के लिए महिलाओं को जागरूक करेंगी और उन्हें इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताएंगी

Edited by: Shivani Singh @lastshivani
Updated on: May 30, 2018 8:01 IST

Manushi chhilar

Manushi chhilar

मनुषी ने उदाहरण देकर समझाय़ा बच्चों को

इतना ही नहीं मानुषी ने हर बात को एक उदाहरण के साथ बताई। जैसे कि कहां कि पहले लोग रात को बाहर नहीं जाते थे, क्योंकि लाइट नहीं थी। आज के सनय में लाइट है तो हम रात को भी घूमते है। उसीतरह पहले पीरियड्स को लेकर इतनी जागरपकता नहीं थी, लेकिन आज के समय में आपको आसानी से सैनेटरी नैपकीन भी मिल जाती है। इसके साथ ही इसके लिए आप अब खुलकर बात कर सकते है।

मासिक धर्म को लेकर समाज में व्याप्त पुरानी धारणा मिटाने के लिए अभियान के तहत महिलाओं के साथ पुरुषों में भी जागरूकता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर मासिक धर्म के मुद्दों को सबके सामने लाना और इसके लिए सकारात्मक कदम उठाने की दिशा में पिछले चार सालों से काम कर रहा है। इसमें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए करीब 400 से ज्यादा संगठन काम कर रहे हैं। बीते कुछ सालों में इन संगठनों के साथ ही अन्य लोग भी मासिक धर्म में स्वच्छता के लिए जागरूकता फैलाते रहे हैं।

12 प्रतिशत टैक्स से सैनेटरी नैपकिन हुआ महंगा
सैनेटरी नैपकिन्स का सभी महिलाओं तक न पहुंच पाने के पीछे का एक कारण है। वो है इसपर लगने वाला महंगा टैक्स। हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सैनेटरी नैपकिन्स को टैक्स के दायर से बाहर नहीं किया गया। भारत में सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स लगता है। हैरानी वाली बात ये है कि जीएसटी काउंसिल ने बिंदी, चूड़ी और सिंदूर को टैक्स के दायरे से बाहर किया लेकिन महिलाओं की जरूरतों का कोई ध्यान नहीं रखा गया।

सैनेटरी नैपकिन के बदले महिलाएं करती है इसका इस्तेमाल
आज भी महिलाएं सैनेटरी नैपकीन को बदले ऐसे चीजों का इस्तेमाल करते है। जिससे उन्हें खई तरह की बीमारियां हो जाती है। 'कौन बनेगा करोड़पति' में आए एनजीओ गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता ने बताया था कि आज के दौर में भी महिलाएं ब्लड का फ्लो रोकने के लिए राख और बालू जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं। यहीं नहीं कई महिलाएं घास , पेपर, जैसी चीजें भी इस्तेमाल करती है।

डॉक्टर्स के अनुसार माना जाता है कि सैनेटरी नैपकीन इस्तेमाल न करें से ओवरी कैंसर के अलावा कई और गंभीर बीमारियां भी हो सकती है।

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