हेल्थ डेस्क: आज हर दूसरा व्यक्ति मोटापे से परेशान है। जिससे निजात पाने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते है, लेकिन आज के समय में अधिक मोटापा होने पर लोग लिपोसक्शन नाम की सर्जरी करा है। इस सर्जरी को लेकर डॉक्टर्स से बहुत गंभीर चिंताएं व्यक्त की है। अगर आप सोच रहे है ये सर्जरी कराने की, तो उससे पहले ये बात जरुर जान लें।
ब्रितानी शहर बर्मिंघम के डॉक्टरों ने एक 45 वर्षीय महिला का उदाहरण देत हुए बताया कि एक महिला वो बेहद मोटी थीं और लिपोसक्शन से पहले ग्रैस्ट्रिक ऑपरेशन से गुज़री थीं, लेकिन ऑपरेशन के 36 घंटे के बाद उनकी हालत बेहद नाज़ुक हो गई और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया जो कि मौंत के मुंह से वापस आई है।
इस बारें में डॉक्टर्स का कहना है यह सर्जरी करान से मोटापे वाले ग्लोब्यूल्स फेफड़ों में चले जाते है। जिसके कारण सांस संबंधी समस्या हो जाती है।
बीएमजे की रिपोर्ट के मुताबिक, लिपोसेक्शन ब्रिटेन में तेजी से फैल रही बीमारी है जो मरीज़ों की ज़िंदगी के लिए काफ़ी ख़तरनाक है।
सैंडवेल और वेस्ट बर्मिंघम अस्पताल की आईसीयू यूनिट के डॉक्टर अदम अली ने कहा, "इससे पहले ब्रिटेन में फ़ैट इंबोलिज़्म सिंड्रोम (एफ़ईएस) का कोई मामला देखने को नहीं मिला था, लेकिन इसके होने की संभावनाओं पर ध्यान देने की ज़रूरत है।"
जानिए क्या लिपोसक्शन सर्जरी
कम समय में मोटापा कम करने की तकनीक है लिपोसक्शन। इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों से अतिरिक्त वसा को बाहर निकालकर शरीर को सुडौल बनाया जाता है। इस तकनीक में जांघों, कूल्हों, पेट, गर्दन, ठोढ़ी, कंधों, छाती और कमर पर से चर्बी को कम किया जाता है।
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